पाॅपुलर फ्रण्ट आॅफ इण्डिया के चैयरमेन ई. अबूबकर ने हरियाणा के कोलगांव में रकबर खान के परिजनों से मुलाकात की जिसकी गौे-आतंकियो ने 21 जुलाई 2018 को अलवर मे पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। रकबर खान के वृद्ध पिता को अपने युवा पुत्र की हत्या पर बहुत बड़ा झटका लगा है।
उसकी 22 वर्षीय पत्नी यह नहीं समझ पाई है कि उसके साथ क्या हो गया है। रकबर के शव के मंजर को याद करके उसकी माँ और बहन खुद पर काबू नहीं रख पाती हैं। रकबर के भाई हारून ने केरल में पाॅपुलर फ्रण्ट आॅफ इण्डिया के चैयरमेन के पास जाकर अपने गम का इजहार किया।
हारून ने तय किया हे कि वह न्याय के लिए लड़ेगे और इसके लिए उन्होने पाॅपुलर फ्रण्ट आॅफ इण्डिया के चैयरमेन से सहायता माँगी। ग्रामीणो का कहना है कि रकबर की मृत्यु भीड़ की वजह से नहीं हुई, बल्कि उन तीन पुलिस वालो की लापरवाही के कारण हुई जिन्होने रकबर को हिरासत में रखा था।
ई. अबूबकर ने कहा कि गों आतंकियों को मिल रही राज्य सरकार की हिमायत के कारण इस क्षेत्र में बार-बार मुस्लिमो को भीड़ का शिकार होना पड़ा है। ये बड़े दुख की बात है कि भीड़ के हमले के बाद अलवर पुलिस ने पीड़ित का इलाज नहीं कराकर घण्टो हिरासत में रखा।
उन्होंने आरएसएस के नेता इन्द्रेश कुमार के उस बयान की आलोचना की, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘लोग बीफ खाना छोड़ देंगे तो मोब लिचींग भी रूक जाएगी। ई. अबूबकर ने माँग की कि ऐसे लोगों को सलाखो के पीछे भेजा जाये।
इस मौके पर पाॅपुलर फ्रण्ट आॅफ इण्डिया के राष्ट्रीय सचिव अब्दुल वहीद सेठ और संगठन के उत्तर क्षेत्र के अध्यक्ष एस. इस्माईल और क्षेत्रीय नेता भी चैयरमेन के साथ मौजूद थे।