वैसे तो माना रेसिंग को मर्दों का गेम कहा जाता है लेकिन 25 साल की अलीशा अब्दुल्लाह जो कि भारत के चेन्नई की रहने वाली है उन्होंने इस धारणा को बदलने की कोशिश की है.

अलीशा के वालिद आर अब्दुल्लाह भी रेसर रहे है. अलीशा को रेसिंग का थ्रिल अपने वालिद से मिला है.

13 साल की उम्र में उन्होंने एमआरऍफ़ गो-कार्टिंग चैंपियनशिप जीता और उसके बाद नोवाइस अवार्ड जोकि नेशनल लेवेल फार्मूला कार रेसिंग से जुडा है मिला.

जब अलीशा 15 साल की हुई तो उन्होंने सुपर बाइक रेसिंग में रूचि ली ,2004 में वो टॉप फाइव में जगह बनाने में कामयाब रही.

2010 में जब उनका टू -व्हीलर से एक्सीडेंट हुआ तो उन्होंने फोर व्हीलर कार रेसिंग की तरफ़ फिर रुख किया.

अपनी कामयाबी पे अलीशा ने एक अंग्रेजी अखबार को कहा कि रेसिंग मर्दों का गेम माना जाता है ,मुझे लगता है मैंने कई मर्दाना सोच वाला का घमंड तोड़ दिया है.

अलीशा तमिल फिल्म इरुम्बू कुथिरई में भी गेस्ट भूमिका में नज़र आ चुकी है ये फिल्म 2014 में रिलीज़ हुई थी.
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