लखनऊ: योगी के राज्य यूपी में आए दिन फ़र्ज़ी एनकाउंटर के मामले आते रहते हैं। यूपी में कानून व्यवस्था सुधारने का हवाला देते हुए सैकड़ों एनकाउंटर कर चुकी योगी सरकार भले ही इसके लिए अपनी पीठ थपथपा ले। लेकिन मानवीय दृष्टिकोण से ये बेहद खतरनाक है। वहीं पीड़ित परिवारों का आरोप है कि ये एनकाउंटर फर्जी हैं और ये किसी न किसी राजनीतिक रंजिश या लाभ के लिए निर्दोषों का कत्ल किया जा रहा है।
खबर के मुताबिक, सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं जिसमें दिखाया जा रहा है कि योगी की पुलिस एक युवक का हाथ पैर बांधे हुए हैं और उसके पैर को गोलियों से घायल किया है।
युवक की पहचान उस शख्स के रूप में की जा रही है जिसको बदमाश बताकर बीते 15 सितंबर की रात को योगी की पुलिस ने एनकाउंटर में मारा था। आरोप था कि उसने छठी में पढ़ने वाले एक 11 साल के छात्र का अपहरण किया है।
तस्वीर सामने आने पर जहां लोग इस एनकाउंटर को फर्जी बता रहे हैं वहीं पुलिस अधिकारी इस आरोप को नकारते हुए सरासर अफवाह करार दे रहे हैं।
बता दें इस मामले पर योगी के यूपी पुलिस यानी साहिबाबाद एसएसपी हरिनारायण सिंह ने इस पर सफाई देते हुए इस एनकाउंटर सही बताया है और कहा है कि ‘जिन फोटो को फर्जी एनकाउंटर बताकर वायरल किया गया है वह फर्जी हैं।