दक्षिण अमेरिका के देश इक्वाडोर में दिव्यांग लेनिन मोरेनो हालिया चुनाव में देश के राष्ट्रपति निर्वाचित हुए हैं। किसी विकलांग व्यक्ति के राष्ट्रपति पद संभालने का इस पूरी दुनिया में यह अनोखा मामला है।
अल अरबिया डॉट नेट के अनुसार, अगले हफ्ते मोरेनो देश के राष्ट्रपति की शपथ लेंगे।
दरअसल 64 साल के मोरेनो को दो दशक पहले लुटेरों ने उस समय गोली मार कर घायल कर दिया था जब वह अपनी पत्नी के साथ एक होटल से रोटी खरीद रहे थे। लुटेरों की फायरिंग से मोरेनो के दोनों पैरों पर गहरे घाव आए जिससे उसका शरीर अपंग हो गया था। इसके बाद से वह लगातार व्हीलचेयर पर हैं।
लेनिन मोरेनो एक आशावादी इंसान हैं और निराशा के गहरे अंधेरे के भीतर भी किरण खोजने की कोशिश हमेशा करते हैं। विकलांग होने के बाद भी उन्होंने उम्मीद से जुड़े रहने के लिए 10 किताबें संकलन कीं।
उनके साथ हुई इस घटना के बाद उन्हें संयुक्त राष्ट्र में विकलांगों का राजदूत नियुक्त किया गया। उन्होंने जीवन के हर पहलू में उम्मीद से अपना नाता जोड़े रखा और आज वह देश के राष्ट्रपति के साथ पूरी दुनिया में एकमात्र विकलांग राष्ट्रपति बन चुके हैं।
विकलांगों की वैश्विक संगठनों ने लेनिन मोरेनो को इक्वाडोर के राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर बधाई दी है। मोरेनो पिछले रविवार को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में मामूली वोट के साथ देश के राष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे।