एक और सीरियाई बच्चे की तस्वीर ने मानवता को झिंझोड़ कर रख दिया

दमिश्क। साल 2015 में तुर्की के एक समुद्र के किनारे ओंधे मुंह मुर्दा हालत में पड़े एक तीन साला सीरयाई बच्चे ऐलान कुर्दी की तस्वीर जब दुनियां भर के मीडिया में प्रकाशित हुई तो उसे देख कर पूरी मानवता थर्रा गई। ऐलान कुर्दी के उस दर्दनाक घटना के दो साल बाद अब एक और सीरयाई बच्चा की तस्वीर मानवता को झिंझोड़ कर रख दिया है।

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सीरिया में बशर अल असद की फ़ौज के जरिए इंसानी बस्तियों पर की गई बर्बर बमबारी की एक भयानक तस्वीर सामने आई है। एक आँख से वंचित दो महीने के मासूम बच्चे की तस्वीर ने सबको रुला दिया है।

दमिश्क के चरों ओर विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्र जिसे राष्ट्रपति बशर अल असद की सेना ने लंबे समय से घेर रखा है, उसमें इस बच्चे की तस्वीर लोगों के कठिनाई का संकेत बन गया है। करीम नामक यह शिशु दो महीने का था, जब पिछले जूमा को पूर्वी क्षेत्र में सरकारी फौजों की बमबारी में एक आँख से वंचित हो गया था, जबकि उस हमले में उनकी मां की मौत हो गई। उस हमले में आँख खोने के साथ साथ उसकी खोपड़ी भी दब गई, फिर भी यह बच्चा करिश्माई तौर पर जिंदा बचने में कामियाब रहा।

इस सीरियाई बच्चे की घायल स्थिति में तस्वीर इंटरनेट के जरिए सामने आई है। उसके बाद से दुनियां भर से बच्चों ने इंटरनेट पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। वह अपनी बायीं आँख पर हाथ रखकर बनाई गई तस्वीर सोशल मीडिया पर करीम की तस्वीर के साथ शेयर कर रहे हैं। सोशल वर्कर्स और सोशल मीडिया यूजर्स ने करीम से एकजुटता दिखाने में उन तस्वीरों को टैग करना शुरू कर दिया है।