मुंबई : मुंबई उच्च न्यायालय ने आज महाराष्ट्र सरकार से एक जनहित याचिका पर जवाब देने के लिए कहा है. याचिका के अनुसार अगले महीने के ईद-उल-अधा से पहले गौरक्षक समूहों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है.
शदाब पटेल ने जनहित याचिका दायर की कि डर है की गौरक्षक समूह ईद के दौरान परेशानी पैदा कर सकते हैं. अन्य बातों के अलावा, उन्होंने ऐसे समूहों से निपटने के लिए एक हेल्पलाइन की भी मांग की है. साथ ही इस बात को भी कहा गया है, नागरिकों की रक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाया जाये. विशेष रूप से मवेशी या परिवहन पशुओं में लेन-देन करने वाले लोग के लिए जिससे मॉब लॉन्चिंग जैसे घटना को अंजाम न दिया जा सके.
न्यायमूर्ति बी आर गवाई और एम एस कर्णिक की एक खंडपीठ ने सरकार को जवाब में एक हलफनामे दर्ज करने और दो सप्ताह के बाद सुनवाई के लिए याचिका पोस्ट करने को कहा है.
पीआईएल में कहा गया है कि गौरक्षक समूह अपने हाथों में कानून ले रहे हैं. जिससे खतरा हैं क्योंकि वे बीफ़ के नाम पर अशांति या दंगा की स्थिति को पैदा कर रहे हैं.
इसके अलावा कहा की नागरिकों को जीवन का अधिकार है और संविधान द्वारा व्यापार करने का भी अधिकार. जिसका उल्लंघन नहीं किया जा सकता, जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों के मन में भय की भावना पैदा करना है।
पिल में कहा गया है, हर पुलिस थाने को अपने क्षेत्र में गौरक्षक समूहों की सूची, अदालत को उनके खिलाफ की गई कार्रवाई पर एक रिपोर्ट सौंपनी चाहिए।