पटना : एसेम्बली में एग्रीकल्चर बजट पर चर्चा के दौरान जुमा को हुकूमत हक के ज़्यादातर मेम्बरों के निशाने पर मर्क़ज़ी हुकूमत और वज़ीरे आज़म नरेंद्र मोदी रहे। राजद के मुंद्रिका सिंह यादव ने अपने तक़रीर के दौरान कह दिया कि पीएम को तो कान पकड़कर हटा देना चाहिए। इसपर भाजपा मेंबर गुस्सा हो गए और नारेबाजी करते हुए वेल में पहुंच गए। ओपोजिशन के लीडर प्रेम कुमार ने सख्त एतराज़ की। बाद में पीठासीन सदस्य हरिनारायण सिंह ने तब्सिरह को एवान की कार्यवाही से बाहर निकालने को कहा। उसके बाद ही भाजपा मेंबर पुरअमन हुए।
उधर, कपड़ा पर टैक्स लगाने के खिलाफ भी भाजपा के मेम्बरों ने एसेम्बली में हंगामा किया। कई मेंबर वेल में चले आए। शून्यकाल में यह मामला संजय सरावगी ने उठाया। उनका कहना था कि बिहार सरकार ने कपड़ा, साड़ी, मिठाई और खाने के सामान पर टैक्स लगा कर गरीबों की मुश्किल बढ़ा दी है। रियासत में महंगाई बढ़ती जा रही है। सरकार को टैक्स वापस लेना चाहिए। स्पीकर विजय कुमार चौधरी ने उनको बैठने के लिए कहा, लेकिन सरावगी नहीं माने और बोलना जारी रखा। ओपोजिशन के लीडर डॉ. प्रेम कुमार भी उठ खड़े हुए। उन्होंने कहा कि बिहार मुल्क का पहला रियासत है, जहां कपड़ा पर टैक्स लगाया गया है। स्पीकर ने मामला शांत नहीं होता देख दूसरे मेंबर का नाम बोलने के लिए पुकारा। इससे पहले भाजपा के एमएलए ने एसेम्बली के बाहर नारेबाजी की। दूसरी तरफ शून्यकाल में ही भाजपा के मिथिलेश तिवारी ने वज़ीरे आला चापाकल मंसूबा को फिर से लागू करने, राणा रणधीर ने मधुबन में डिग्री कॉलेज की तामीर और संजीव चौरसिया ने आवासीय प्रमाणपत्र नहीं मिलने का मामला उठाया।