UP: प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के नाम पर लाखों की ठगी

मेरठ: प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के नाम पर महिला द्वारा सैकड़ों बेरोजगारों से लाखों रुपये ठगने का मामला सामने आया है। आरोपी महिला बैंकों और अन्य बहुराष्ट्रीय कंपनियों में नौकरी दिलाने के बहाने बड़ी-बड़ी रकम हड़पी। रविवार को फाइनल इंटरव्यू के नाम पर फिर से रुपये ऐंठने की तैयारी थी, लेकिन पुलिस ने मामले का भंडाफोड़ करते हुए 4 महिला समेत 10 साथियों को गिरफ्तार कर लिया। उनके कब्जे से विभिन्न कंपनियों के ऑफर लेटर, रजिस्ट्रेशन फीस की रसीदें और अन्य फर्जी कागजात बरामद किए हैं। दरअसल, गंगानगर निवासी ध्वनि जैन ने भारती स्कूल फॉर स्किल्स के नाम से संस्था खोली थी। शहर में कई स्थानों पर संस्था के पीएम मोदी के चित्रों वाले बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगवाकर और समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित करा बेरोजगारों को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंर्तगत बैंकों में नौकरी लगवाने का दावा किया गया था। आरोप है कि एचडीएफसी बैंक में नौकरी लगवाने पर मेरठ और आसपास के इलाकों के कई इलाकों के बेरोजगार युवक-युवतियों से संस्था के सदस्यों ने रजिस्ट्रेशन फार्म के नाम पर 11-11 सौ की रकम वसूली। वहीं कई से 10-20 हजार की रकम तक वसूल की गई। पिछले करीब 4 माह से चल रहे इस फर्जीवाड़े को रविवार को मूर्त रूप दिया जाना था, लेकिन होटल राजमहल में इंटरव्यू के लिए आए आवेदकों को पता चला कि संस्था के पदाधिकारियों द्वारा एचडीएफसी बैंक में विभिन्न पदों पर नौकरी के लिए मात्र आठ लोगों का चयन किया जाना है, जबकि मौके पर लगभग 500 से अधिक आवेदक पहुंच चुके थे। शक होने पर आवेदकों ने एचडीएफसी बैंक के अधिकारियों से मोबाइल पर संपर्क किया। उन्होंने बैंक द्वारा किसी प्रकार के इंटरव्यू ही नहीं लिए जाने की जानकारी दी। इसके बाद ठगी का शिकार 45 आवेदकों ने फर्म की संचालक महिला व उसके साथियों के खिलाफ तहरीर दी है। पकड़े गए आरोपी संकल्प निवासी रोहतक, अमन पटना निवासी और विशाल और आयुष मेरठ निवासी हैं। इस पूरे गिरोह की मास्टरमाइंड ध्वनि जैन है, जो गंगानगर के राजेंद्र पुरम की रहने वाली है। उसके साथ पुलिस ने ओडिशा निवासी अनुराधा, सुमन वाधवा और दीपा नाम की महिला को पकड़ा है। पूरा नेटवर्क गंगानगर के भारती स्कूल ऑफ स्किल्स से यह संचालित किया जा रहा था। मेरठ, नोएडा, गाजियाबाद, बागपत, सहारनपुर, हापुड़ समेत पूरे वेस्ट यूपी और देहरादून और हरिद्वार के युवा भी इस धोखाधड़ी का शिकार हुए। गिरोह के पकड़े जाने के बाद सदर थाना पुलिस और साइबर सेल की टीम ने शहर में उनके दूसरे कई ठिकानों पर छापेमारी कर सुबूत जुटाए। फिलहाल पुलिस रैकेट के अन्य सदस्यों की छानबीन में जुटी हुई है।