उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में नाबालिग युवती को बंधक बनाकर गैंगरेप का सनसनीखेज मामला सामने आया है।
अमर उजाला की खबर के मुताबिक, मुजफ्फरनगर के थाना भोपा क्षेत्र के एक गांव की किशोरी को उसी के गांव के 4 युवकों ने अपहरण कर लिया था।
उन्होंने युवती को 10 दिन तक बंधक बनाकर उसके साथ गैंगरेप किया। इन 4 युवकों के नाम है: सलीम, असलम, अकरम और अयूब। 10 दिन तक युवती के साथ गैंगरेप करने के बाद आरोपी युवती को बदहवास हालत में गंगनहर की पटरी पर फेंक कर फरार हो गए।
ये मामला तब सामने आया जब पीड़िता ने खुद किसी तरह भोपा थाना में जाकर पुलिस को जानकारी दी। मामला दो समुदाय से जुड़ा होने के कारण पुलिस ने गंभीरता से लेते हुए आरोपियों पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उनकी धरपकड़ शुरू कर दी है। पीड़िता को मेडिकल के लिए जिला अस्पताल भेज दिया है।
ये मामला सामने आने के बाद हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने थाने पर हंगामा किया। हालांकि इस मामले में कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि आरोपियों ने पीड़िता को मांस खिलाने और उसपर धर्म परिवर्तन का दबाब डाला।
इस मामले को सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है। ट्विटर पर अंशुल सक्सेना नाम के यूजर्स ने इस मामले को लेकर भ्रम फैलाने की कोशिश की लेकिन यूपी पुलिस ने इसके दावे को खारिज कर दिया।
अंशुल सक्सेना ने ट्वीट किया था कि “सलीम, असलम, अकरम और अयूब ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक लड़की का अपहरण किया और 10 दिनों तक उसके साथ बलात्कार किया। युवकी को मांस खाने और इस्लाम धर्म अपनाने को मजबूर किया गया।”
हैरानीजनक बात ये है कि झूठी अफवाहें फैलाने वाले इस शख्स को भी हमारे देश के पीएम मोदी फॉलो करते हैं।
हालांकि, मुजफ्फरनगर पुलिस ने अंशुल सक्सेना के दावों को खारिज करते हुए उसके ट्वीट के जवाब में दिया कि ‘उक्त के संबंध में क्षेत्राधिकारी भोपा की जाच्खायानुसार जबरन मांस खिलाने की खबर मिथ्या प्रकाशित की गई है इस तरह की कोई घटना घटित नहीं हुई है।’