पीएम मोदी ने रमज़ान की मुबारकबाद देते हुए हजरत मोहम्मद(PBUH) का जिक्र किया, कहा यह बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश के मुस्लिम समुदाय को रमजान की बधाई देते हुए कहा कि रमजान का यह पवित्र महीना लोगों के मन में करुणा का भाव जगाता है. मोदी ने रेडियो पर ‘मन की बात’ के दौरान राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि रमजान महीने का सार यह है कि जब इंसान खुद भूखा होता है तो उसको दूसरों की भूख का भी एहसास होता है. जब वो खुद प्यासा होता है, तो दूसरों की प्यास का उसे एहसास होता है. पैगम्बर मोहम्मद साहब की शिक्षा और उनके सन्देश को याद करने का यह अवसर है.

पीएम मोदी ने कहा, ”कुछ ही दिनों में रमज़ान का पवित्र महीना शुरू हो रहा है. विश्वभर में रमज़ान पूरी श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया जाता है. पैगम्बर मोहम्मद साहब की शिक्षा और उनके सन्देश को याद करने का यह अवसर है. उनके जीवन से समानता व भाईचारे की शिक्षा लेना और उनके बताए मार्ग पर चलना हमारी ज़िम्मेदारी बनती है.”

इस दौरान पीएम मोदी ने एक किस्सा सुनाते हुए कहा, ”एक बार एक इंसान ने पैगम्बर साहब से पूछा कि इस्लाम में कौन सा कार्य सबसे अच्छा है, तो इस पर पैगम्बर साहब ने कहा कि किसी गरीब व भूखे को खाना खिलाना और सभी से सद्भाव से मिलना, चाहे आप उन्हें जानते हो या न जानते हो, सबसे अच्छा कार्य है.

‘मन की बात’ कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने कहा, ”पैगम्बर मोहम्मद साहब ज्ञान और करुणा में विश्वास रखते थे. उन्हें किसी बात का अहंकार नहीं था. वह कहते थे कि अहंकार ही ज्ञान को पराजित करता है. पैगम्बर मोहम्मद साहब का मानना था कि अगर आपके पास कोई भी चीज आपकी आवश्यकता से अधिक है, तो आप उसे किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दें, इसीलिए रमज़ान में दान का भी काफी महत्व है.”

पीएम मोदी ने कहा, ”पैगम्बर मोहम्मद साहब का मानना था कि कोई व्यक्ति अपनी पवित्र आत्मा से अमीर होता है, न कि धन-दौलत से. मैं सभी देशवासियों को रमज़ान के पवित्र महीने की शुभकामनाएं देता हूं और मुझे आशा है कि यह अवसर लोगों को शांति और सद्भावना के उनके संदेशों पर चलने की प्रेरणा देगा.” मालूम हो कि रमजान की शुरुआत मई के मध्य से हो रही है.