प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल वाराणसी के निकट शहंशाहपुर गांव में होंगे जहां करीब 450 वर्ष पहले शहंशाह हुमायूं ने रात्रि विश्राम किया था।
मोदी कल गांव में एक पशु मेले और नवनिर्मित गौशाला का उद्घाटन करेंगे। गांव मोदी के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी से लगभग 30 किलोमीटर दूर है।
आप को बता दें की शहंशाहपुर के बारे में प्राचीन किस्से प्रचलित हैं। कहा जाता है कि गांव का नाम शहंशाह हुमायूं के नाम पर पडा। हुमायूं शेरशाह सूरी से चौसा के युद्ध में पराजित होने के बाद देर रात गंगा नदी पार कर इस गांव पहुंचा था। स्थानीय लोग कहते हैं कि उसी समय गांव की एक वृद्धा ने उन्हें अपनी झोपड़ी में शरण दी थी। वृद्धा को मालूम नहीं था कि वह हुमायूं हैं। कई बरस बाद जब हुमायूं के सैनिक गांव पहुंचे तो वहां के निवासियों को पता चला कि रात्रि विश्राम करने वाला मेहमान कौन था।
फिर गांव का नाम शहंशाहपुर रखा गया, जो पहले कालूपुर के नाम से जाना जाता था।
शहंशाहपुर गांव जयापुर गांव से पांच किलोमीटर से भी कम दूरी पर है। जयापुर गांव को प्रधानमंत्री मोदी ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत सात नवंबर 2014 को गोद लिया था।
जयापुर वाराणसी जिले के सेवापुरी विधानसभा क्षेत्र में आता है। इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले नीलू बताते हैं कि गांव में अच्छी नयी सडकें, सौर उर्जा की व्यवस्था, शौचालय, जल पाइपलाइन कनेक्शन जैसी सुविधाएं हैं।