PNB घोटाला: मैनेजर और क्लर्कों को गिरफ्तार कर देश को बेवकूफ बनाने की कोशिश?

पीएनबी घोटाले में सीबीआई और ईडी, असिस्टेन्ट मैनेजर और क्लर्कों को गिरफ्तार करके देश को बेवकूफ बना रही है।
बता दें कि बैंकिंग सिस्टम में हर ब्रान्च की ग्रेड होती है, जैसे ग्रेड 1, ग्रेड 2, ग्रेड 3, उस ब्रान्च का मैनेजर भी उसी ग्रेड का नियुक्त होता है।

सबसे अधिक ग्रेड वाले बैंक मैनेजर के लोन सेंक्शन करने की लीमिट ₹10 करोड़ भी नहीं है। यह लोन उससे भी बड़े स्तर के जोनल मैनेजर और फिर और बड़ी रकम के लिए हेडआफिस से लोन सेंक्शन होता है।

नीरव मोदी का मामला तो बैंक के बोर्ड स्तर का था, वहीं से इतने बड़े लोन के लिए पासवर्ड जारी होते हैं। जो कई पासिंग आफीसर के द्वारा ही प्रयोग करके कर्ज दिए जाते हैं।

बैंकिंग व्यवस्था 2011 के पहले से ही आनलाईन है और हर क्रेडिट के खातों पर हेड आफिस तक की नज़र रहती है , वह ज़माना नहीं कि मैनेजर के ग्राहक के खाते वाले लेजर पर “एलाऊ” लिख देने से बैंक क्रेडिट दे देता था।

डिप्टी मैनेजर तो सिर्फ़ पासिंग अधिकारी होता है और क्लर्क इंट्री करने वाला, जो केवल बाऊचर पास करता है ना कि लोन, जिनको गिरफ्तार किया जा रहा है।

बता दें कि यह वैसा ही मामला है जैसे किसी मल्टीस्टोरी बिल्डिंग के गिरने पर उस बिल्डिंग के ठेकेदार , आर्टिटेक और इंजीनियर की जगह मजदूर और मिस्त्री को जिम्मेदार मान कर गिरफ्तार किया जाए।