POK को आज़ाद कश्मीर दिखाने वाली निसाबी कुतुब की राज्य सभा में गूंज

जम्मू-ओ-कश्मीर के फ़ौजी स्कूल्स की निसाबी किताबों में गिलगित और पाकिस्तान मक़बूज़ा कश्मीर के शुमाल इलाक़ों को पाकिस्तान का हिस्सा बताए जाने के तनाज़ा की आज राज्य सभा में भी गूंज सुनाई दी, जहां बी जे पी अरकान ने इस हरकत को शर्मनाक क़रार देते हुए ख़ातियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई किए जाने का मुतालिबा किया।

वक़्फ़ा सिफ़र के दौरान इस मुआमला को उठाते हुए बी जे पी के प्रभात झा ने इस्तेफ़सार किया कि जब ऐसी हरकतें की जाती हैं, तो आख़िर वज़ारत फ़रोग़ इंसानी वसाएल किया कर रही है? क्या ऐसा हो सकता है कि पाकिस्तान मक़बूज़ा कश्मीर को आज़ाद कश्मीर तस्लीम कर लिया जाए ? निसाबी किताबों में ये फ़ाश ग़लती करने वाला पब्लिशर आख़िर कौन है ? इस ने ऐसी फ़ाश ग़लती करने की जुर्रत कैसे की ? और सब से बड़ी बात तो ये है कि इन निसाबी किताबों की जांच पड़ताल करने की किसी ने ज़हमत गवारा की या नहीं।

पाकिस्तान मक़बूज़ा कश्मीर दरअसल हिंदूस्तान का हिस्सा है और इसे आज़ाद कश्मीर का मौक़िफ़ कभी भी नहीं दिया जा सकता। मिस्टर झा ने याददेहानी करवाई कि पार्लीमेंट के दोनों ऐवानों ने भी इस पर क़रार दादें मंज़ूर की हैं। क्या हकूमत-ए-हिन्द इसके लिए ज़िम्मेदार नहीं? ये एक बद बख्ताना वाक़्या है। उन्होंने मज़ीद कहा कि हकूमत-ए-हिन्द इस वाक़्या से बरी-उल-ज़मा हो सकती है ?

इस तरह आँखें मूंद लेने से कुछ नहीं होगा बल्कि हुकूमत को जवाब देना पड़ेगा कि तीसरी जमात की निसाबी किताब में इस नौईयत का मवाद कैसे शाय हुआ ? किताबों को ज़ब्त क्यों नहीं किया गया ? ख़ातियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई क्यों नहीं की गई ? ये तमाम ऐसे सवालात हैं जो जवाब तलब हैं।