मध्य प्रदेश: बुरहानपुर जिले के मोहाद गांव में 18 जून को चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में भारत की हार पर किसी ने खुशियां मनाते हुए पटाखे जलाने और देश विरोधी नारे लगाने की झूठी खबर सामने आई थी।
राज्य की पुलिस ने इस मामले में 15 लोगों को हिरासत में लेकर उनपर राजद्रोह का मुकदमा भी दर्ज किया था।
जिसे अब पुलिस को वापिस लेना पड़ रहा है। क्यूंकि इस मामले में जिस शख्स सुभाष लक्ष्मण कोली ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्हें ये नहीं पता कि पटाखे किसने चलाये थे या नारे किसने लगाए थे।
उनका कहना है कि मैं रविवार को अपने एक पड़ोसी की मदद करने थाने गया था जिसे नारे लगाने के आरोप में पुलिस ने हिरासत में ले लिया था।
असल में मैंने कोई नारा नहीं सुना न ही मैंने पटाखे जलाने की शिकायत की। मुझे तो पुलिस ने बस मुझे गवाह बना दिया। मैं अपनी बात को कोर्ट में जज के सामने रखूंगा, पुलिस से मुझे डर है कि कहीं वो मुझे निशाना न बनाए।
गांव में किसी ने भी पटाखे जलाने, पाकिस्तान के समर्थन या भारत के विरोध वाले नारे नहीं सुने।
हालाँकि पुलिस ने 15 लोगों पर से राजद्रोह का मुकदमा वापस ले लिया लेकिन वे अभी भी जेल में हैं। अब पुलिस ने अब उन पर “सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने” का मामला दर्ज कर दिया है। इन लोगों में से किसी का भी किसी तरह को कोई आपराधिक अतीत नहीं रहा है।