पुलिस मुस्लिम और दलितों के ख़िलाफ़ क्राइम में सरकारी उपकरण बन गई है: प्रोफेसर रूप रेखा वर्मा

लखनऊ: देश और उत्तर प्रदेश के हालात बेहद खराब हैं। दलितों और मुस्लिमों के लिए जीना मुहाल किया जा रहा है। उन पर सत्तारूढ़ पार्टियाँ और उनसे जुडी संगठनों के लोग तो अत्याचार कर ही रहे हैं। लेकिन राज्य की पुलिस भी इन घिनौनी जुर्मों में सरकार की उपकरण बन गई है।

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यह बातें यहाँ स्तिथ प्रेस क्लब में एक सम्मेलन जो ‘नफ़रत का राज’ के विषय पर आयोजित हुआ था वक्ताओं ने की। लखनऊ यूनिवसिर्टी के पूर्व वाइस चांसलर और मानव अधिकारों की उल्लंघन के खिलाफ लगातार आवाज़ उठाने वाली प्रोफेसर रूप रेखा वर्मा ने कहा कि आज देश और उत्तर प्रदेश के हालात बेहद चिंताजनक है। बेक़सुरों को सरेआम दिन दहाड़े एनकाउंटर किया जा रहा है।

दलितों और मुस्लिमों के खिलाफ अपराध को अंजाम देने वालों की सराहना की जा रही है, उन्हें सम्मानित और मंत्रालय में जगह दी जा रही है। उन्होंने कहा कि इन हालात का एक बेहद तकलीफ़ देने वाला पहलु यह है कि कानून के रखवाले चाहे वह सत्तारूढ़ पार्टी के लोग हों या पुलिस यही छुपे या खुले तौर पर ऐसे अधिकतर अपराध में शामिल हैं, जो मुस्लिमों और दलितों के ख़िलाफ़ अंजाम दिए जा रहे हैं।

उन्हें थर्ड या फोर्थ ग्रेड का नागरिक बना दिया गया है। उन्होंने कहा कि मुस्लिमों के ख़िलाफ़ गौहत्या, लव जिहाद, बहु बेटी बचाओ और घर वापसी जैसे मुद्दे उछाले जा रहे हैं और उन्हें मारापीटा ही नहीं बल्कि उनकी हत्या की जा रही है। और यह गैरकानूनी कार्रवाईयां करने वालों को सरकार में बैठे लोग पुरुस्कार दे रहे हैं, तो कहीं पीठ थपथपा रहे हैं।