पीड़िता की मदद करने में पुलिस बेबस, माता-पिता बयान देने के लिए तैयार नहीं

चंडीगढ़: पास के एक गांव की एक दलित लड़की जिसे कथित रूप से यौन उत्पीड़न का शिकार बनाया गया। जिसके बाद वह गर्भवती हो गई। अब यह मामला खरार सदर पुलिस के लिए एक समस्या बन गई है। इस पुरे मामले को खरार सिविल अस्पताल ने पुलिस को बताया। लेकिन पीडि़त लड़की और उसके माता-पिता पुलिस को अपना बयान देने के लिए तैयार नहीं हैं।

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एक अंग्रेजी न्यूज़ पोर्टल ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि एक 20 वर्षीय लड़की जिसका संबंध एक गरीब परिवार से है, ने अपने माता-पिता को बताया कि उसके पेट में दर्द हो रहा है। उन्हें 14 जुलाई को सिविल अस्पताल, खारार में लाया गया, यहाँ उनकी मेडिकल जांच की गई।

ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर को मामला संदिग्ध लगा तो उसने अल्ट्रासाउंड कराने के लिए कहा। जिसके बाद लड़की ने अपने पिता के साथ अस्पताल छोड़ दिया। एक डॉक्टर ने पुलिस को बताया कि लड़की ने यौन उत्पीड़न का मामला डॉक्टरों को बताया था। लेकिन जब उन्हें अल्ट्रासाउंड कराने के लिए कहा गया तो उसने अपने माता-पिता के साथ अस्पताल छोड़ दिया।

खरार सदर एसएचओ भगवंत सिंह ने गांव का दौरा किया और इस पूरे मामले की जांच की । इससे पहले, पीडि़त की मां ने पूरी कहानी पुलिस को बताई थी। लेकिन जबा बयान दर्ज कराने की बात आई तो पीड़ित और उसके माता-पिता पुलिस को अपने बयान देने के लिए तैयार नहीं हैं। पुलिस को यह शक है कि लड़की और उनका परिवार आरोपी के दबाव में है।