लखनऊ: यूपी के अलीगढ़ जिले में गुरुवार सुबह पुलिस ने दो अपराधियों का एनकाउंटर कर दिया. इस दौरान स्थानीय पत्रकारों को बुलाकर उनसे पूरी घटना की शूटिंग कराई गई. जिन अपराधियों का एनकाउंटर किया गया, उनकी पहचान मुस्तकीम और नौशाद के रूप में हुई है. पुलिस के मुताबिक, दोनों अपराधियों पर 25,000 रुपये का इनाम था. साथ ही दोनों के तार जिले में हुए दो साधुओं की हत्या से जुड़े हुए बताए गए. उधर, मारे गए कथित बदमाशों के परिजनों के मुताबिक वे दोनों पूरी तरह बेकसूर थे. बसपा के पूर्व विधायक हाजी जमीर उल्ला ने मुठभेड़ को फर्जी करार देते हुए इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग की है.
एनकाउंटर में मारे गए नौशाद की मां ने इल्जाम लगया है कि एनकाउंटर फर्जी था. पुलिस उनके लड़के को रविवार को उठाकर दे गई थी. हालांकि पुलिस ऐसे सभी इल्जामों से इनकार करती है. मीडिया के कैमरों के सामने वे गोलियां चला-चलाकर तस्वीरें खिंचवाते रहे. उनके एक-एक शॉट कैमरों में कैद होते रहे. उन्होंने दो लड़कों को मार गिराया जिनपर पिछले महीने अलीगढ़ में हुई 6 हत्याओं में शामिल होने का इल्जाम है. अब मरने वाले नौशाद की मां कहती हैं कि उसके बेटे को पुलिस रविवार को ही उठाकर ले गई थी. उसने कोई जुर्म भी नहीं किया था.
#WATCH: Encounter between police and criminals in Harduaganj's Mahua village in Aligarh district. Two criminals were killed in the encounter. (20.09.2018) pic.twitter.com/oahPijuZMG
— ANI UP (@ANINewsUP) September 21, 2018
नौशाद की मां ने कहा कि पुलिसवाले हमारे लड़के को रविवार के दिन ही ले गए थे. हम मजदूरी लिए गए हुए थे. शाम को आकर पता चला कि मेरे लड़के को ले गए हैं. मेरा लड़का कपड़े की दुकान में काम करता था. मैं तो गरीब हूं. मेरा आदमी भी नहीं है. मेरा लड़का कभी जेल नहीं गया है. मैं उसके सहारे ही जीती हूं. मेरा तो कोई भी नहीं है. मैं तो बर्बाद हो गई.
लेकिन पुलिस कहती है कि इसमें सच्चाई नहीं है. वे कहते हैं कि अगर यह एनकाउंटर फर्जी होता तो उसमें उनका इंस्पेक्टर कैसे जख्मी होता. पुलिस कहती है कि वह पहले से ही इनकी तलाश में थी. ये बाइक पर बैठे तो उसने इनका पीछा किया और गोलीबारी में मारे गए. पुलिस का दावा है कि मारे गए अपराधियों ने उनके ऊपर भी 30 राउंड फायर किए और उन्हें हालात काबू में लेने में करीब दो घंटे लग गए. लेकिन अगर यह सब स्क्रीप्टेड नहीं था तो पुलिस ने ऐसे भागमभाग में इतने मीडिया वालों को वहां कैसे बुला लिया? कई फुटेज में पुलिस वाले बहुत इत्मीनान में दिखते हैं.
अलीगढ़ के एसएसपी अजय सहनी से जब पूछा गया कि क्या आपके स्टार से ऐसा कोई आदेश था कि मीडिया को फोनकर बुलाया जाए? क्या आपके पीआरओ ने मीडिया को फोन किया? तो उन्होंने कहा कि नहीं, ऐसा कोई आदेश नहीं है कि फोन करके सबको बुलाया जाए. हां यह जरूर है कि जब कोई घटना होती है तो तत्काल मीडिया को अवगत कराया जाए. ये ऊपर से भी निर्देश है और हम लोग ऐसा करते भी हैं. हो सकता है कि इसी क्रम में किसी ने फोन किया हो.