गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में लिक्विड ऑक्सीजन सिलिंडर पहुंचाने वाली कंपनी पुष्पा सेल्स प्राइवेट लिमिटेड के दफ्तर पर पिछले रात से छापेमारी हुई है।
इस कंपनी के मालिक मनीष भंडारी के घर और उसके रिश्तेदारों के यहां भी छापेमारी हुई है। मनीष भंडारी लेकिन फरार बताया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि गोरखपुर में पिछले पांच दिनों में 60 बच्चों की दर्दनाक मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। जान गंवाने वाले बच्चों में 5 नवजात शिशु भी थे।
हॉस्पिटल में होने वाली कुल मौतें 30 हैं। मौतों की वजह आधिकारिक तौर पर भले ही नहीं बताई जा रही हो लेकिन कहा जा रहा है कि इसके पीछे ऑक्सीजन की कमी ही कारण है।
हालांकि यूपी सरकार का कहना है कि ऑक्सीजन की कमी से मौत नहीं हुई। 9 तारीख की आधी रात से लेकर 10 तारीख की आधी रात को 23 मौतें हुईं जिनमें से 14 मौतें नियो नेटल वॉर्ड यानी नवजात शिशुओं को रखने के वॉर्ड में हुई जिसमें प्रीमैच्योर बेबीज़ रखे जाते हैं।
यह भी हैरतअंगेज है कि 10 अगस्त की रात को ऑक्सीजन की सप्लाई खतरनाक रूप से कम हो गई।