पश्चिम उत्तर प्रदेश की राजनीति असली मुद्दों की तरफ बढ़ी है : जयंत चौधरी

राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने शुक्रवार को कहा कि कैराना में उपचुनाव का महत्व एक संसदीय सीट से परे है और यहां की राजनीति सांप्रदायिकता मुद्दे से आगे बढ़ी है। उनकी पार्टी लोकसभा में अपनी उपस्थिति हासिल करने का प्रयास करेगी। यहां सांप्रदायिक तनाव उच्च रहा है लेकिन लोग आगे बढ़े हैं।

पूर्व सांसद चौधरी और चौधरी चरण सिंह के पोते ने कहा कि कम से कम हमारा अभियान इसके आसपास रहा है। गोरखपुर और फुलपुर लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी हार गई थी। उन्होंने कहा, जाट और दलितों को प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखना गलत है। किसानों का मुद्दा बहुत महत्वपूर्ण है।

जब लोग एक साथ मतदान करते हैं, तो वे अलग-अलग सोचने लगते हैं। वे अपने जीवन को एक साथ बनाने की सोच शुरू करते हैं। यह तब केवल एक राजनीतिक गठबंधन नहीं रहता है। 2014 में एक भी लोकसभा सीट जीतने में नाकाम रहे हैं। हमें राजनीति, संचार और हमारी रणनीति को बदलने के हमारे तरीकों को सुधारने की जरूरत है।

बीएसपी अब तक अभियान में दिखाई नहीं दे रही है लेकिन चौधरी ने कहा कि चिंता नहीं है। बसपा हमेशा जोरदार अभियान के बिना काम करती है जिस तरह उन्होंने गोरखपुर और फूलपुर में भी काम किया। पूरे देश में दलित बीजेपी से बहुत नाराज हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चुप हैं।

चौधरी ने कहा कि बीजेपी की राजनीति का सामना करना जरूरी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दंगा पीड़ितों को शहीद के रूप में पेश करना शुरू कर दिया है। हिंदुओं और मुसलमानों के साथ रहने की लंबी परंपरा है।