म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के ख़िलाफ़ जारी हिंसा पर पोप फ्रांसिस ने एक बार लोगों से अपील की है। पोप ने कहा कि उनपर ये जुल्म इसलिए ढाये जा रहे हैं क्योंकि वे लोग अपनी इस्लामिक संस्कृति और मुस्लिम धर्म में यकीन बनाए रखना चाहते हैं।
पोप ने कहा कि बर्मा सरकार ऐसा करके क्रूरता का संदेश दे रही है। रोहिंग्या मुस्लिमों ने इतने सालों के अत्याचार के बाद भी अपने धर्म में यकीन नहीं खोया।
पोप फ्रांसिस ने लोगों ने गुजरिश की कि वे रोम के सेंट पीटरबर्ग में इक्क्ठा होकर रोहिंग्या मुसलमानों के लिए प्रार्थना करें ताकि भगवान् उन्हें इन अत्याचारों से बचाये, या फिर उनसे लड़ने के हिम्मत दें।
उन्होंने कहा कि अब तक हमारे रोहिंग्या में रह रहे और वहां से पलायन कर बांग्लादेश में जा चुके हमारे मुस्लिम भाईओं के खिलाफ उत्पीड़न की कई दुर्भाग्यपूर्ण खबरें सामने आ चुकी हैं।
इसलिए आइए हम सभी भगवान से उन्हें बचाने की प्रार्थना करें। आपको बता दें कि पोप फ्रांसिस 27 से 30 नवंबर तक म्यांमार और बांग्लादेश में जाएंगे।
उनकी ये यात्रा रोहिंग्या मुस्लिम अल्पसंख्यकों की दुर्दशा पर अंतरराष्ट्रीय ध्यान केंद्रित करने के लिए है। अब तक यह किसी भी पोप की म्यांमार की पहली यात्रा होगी।
बता दें कि म्यांमार एक बौद्ध बहुल देश है, जहाँ पर सालों से रोहिंग्या मुसलमान अल्पसंख्यकों की तरह रह रहे हैं। बीते सालों में कई रोहिंग्या उनपर हो रहे अत्याचारों से परेशान होकर म्यांमार छोड़कर भारत और बांग्लादेश में बस चुके हैं।
