म्यांमार। पॉप फ्रांसिस ने म्यांमार में रोहिंग्या मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचरों की कड़ी निंदा की है. म्यांमार के सुरक्षा बलों द्वारा की गई हत्याएं और दी जा रही यातनाएं पर पॉप ने बुधवार को एक बयान में कहा कि रोहिंग्या मुसलमानों को इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि वे अपनी संस्कृति और उनकी मुस्लिम आस्था में जीना चाहते हैं. यह एक तरह से उनकी नस्ल का सफाया करने के समान है.
पिछले साल अक्टूबर में म्यांमार में सीमा सुरक्षा पोस्ट पर कई बम धमाके हुए थे. इसके बाद सेना ने करीब 10 लाख की आबादी वाले राखिन प्रोविंस में आतंकियों के खिलाफ अभियान चलाया.
इस अभियान में महिलाओं के साथ गैंगरेप से लेकर मासूम बच्चों की हत्या की बात भी सामने आई है. मुस्लिम बहुल इलाकों में सेना हेलिकॉप्टर से गोलियां और बम बरसा रही है, जिसके चलते हजारों लोगों की जानें जा चुकी हैं.
गौरतलब है कि हाल ही यूएन की वह रिपोर्ट जारी की गई जो सैकड़ों रोहिंग्या शरणार्थियों के साथ साक्षात्कार पर आधारित है। ये लोग इस समय बांग्लादेश में रह रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि मुस्लिम बाहुल्य राखिन प्रोविंस में आतंकियों के नाम पर सेना मुस्लिमों को चुन-चुनकर मार रही है।