इन दिनों राम मंदिर बनाने की अपील करते दाढ़ी वाले मौलानाओं के पोस्टर्स की तमाम तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब दिखाई दे रही हैं। ये तस्वीरें राम मंदिर के विवाद को आपस में बैठकर सुझाने की सुप्रीम कोर्ट की सलाह के बाद सामने आईं हैं।
लेकिन अब लखनऊ में भाजपा की तरफ से लगाए एक पोस्टर में दिख रहे पुणे के मौलाना डॉ. शबीह अहसन काज़मी का आरोप है कि बगैर उनसे पूछे उनकी तस्वीर को पोस्टर पर लगाया गया है।
पोस्टर में मौलाना शबीह हसन के हवाले से कुछ यूँ अपील की गई है कि मुस्लिमों का यही अरमान, हो जन्मभूमि पर राम मंदिर का निर्माण।
अब मौलाना ने महाराष्ट्र के पुणे ज़िला के पुलिस कमिश्नर के पास अपनी शिकायत दर्ज कराई है।
अपनी शिकायत में मौलाना शबीह अहसन काज़मी ने कहा है, ‘यूपी में राम मंदिर के समर्थन में लगाए गए इस होर्डिंग से मेरा कोई संबंध नहीं है। मेरा फोटो लगाने से पहले मुझसे किसी ने भी परमिशन नहीं लिया है और न ही मैं इन लोगों को जानता हूं। इस होर्डिंग की वजह से मैं मानसिक रूप से परेशान हुआ हूं, इसलिए दोषियों के ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई की जाए।’
मौलाना शबीह ने मीडिया को जारी अपने बयान में कहा है कि ये मेरी शख़्सियत को बदनाम करने की साज़िश है। इस होर्डिंग और इस नारा से मेरा कोई रिश्ता नहीं है। ये मेरे ख़िलाफ़ एक साज़िश है।
उन्होंने आगे कहा कि मैं पुणे में रहता हूं और होर्डिंग हज़ारों किलोमीटर दूर लखनऊ में लगाया गया है। बाबरी मस्जिद का मामला सुप्रीम कोर्ट में है। अब अयोध्या में मंदिर बनेगा या मस्जिद, ये फैसला सुप्रीम कोर्ट ही करेगा।
इस मामले में बोलने का मैं कोई अधिकार नहीं रखता हूं। मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता हूं। मेरा काम मुहब्बत का पैग़ाम देना है। इस पोस्टर से मुझे काफी तकलीफ़ हुई है।
उन्होंने बताया कि पोस्टर को देखते ही मालूम होता है कि ये कुंवर इक़बाल हैदर नाम के किसी व्यक्ति ने लगाया है, जिसे मैं जानता ही नहीं। मेरा उससे कोई संबंध नहीं है और न ही कभी कोई राब्ता रहा है। फिलहाल मैंने पुलिस कमिश्नर के पास शिकायत दर्ज करा दी है। अगर पुलिस की ओर से कोई क़दम नहीं उठाया जाता है तो आगे क़ानूनी कार्रवाई करूंगा।