दिल्ली : तीन सप्ताह बाद भी मुल्क फिल्म हाउसफ़ुल रही

अनुभव सिन्हा की फिल्म ‘मुल्क’ रिलीज होने के तीन सप्ताह बाद अच्छी मजबूत स्थिति में है। दिलचस्प बात यह है कि बुधवार को ईद पर दिल्ली के सिनेमाघरों ने फिल्म हाउसफ़ुल रही।

लेखक-निर्देशक अनुभव सिन्हा की ‘मुल्क’ में वकील बनी तापसी जब आतंकवाद के शक में आरोपी बनाए गए मुसलमान चरित्र मुराद अली मोहम्मद का रोल निभानेवाले ऋषि कपूर से पूछती है, ‘एक आम देशप्रेमी कैसे फर्क साबित करेगा दाढ़ी वाले मुराद अली मोहम्मद में और उस दाढ़ीवाले टेरेरिस्ट में?

कि आप एक अच्छे मुसलमान हैं, आतंकवादी नहीं? आप देश के प्रति अपने प्रेम को कैसे साबित करेंगे?’ तो फिल्म का किरदार ऋषि ही नहीं बल्कि दर्शक भी बहुत कुछ सोचने पर मजबूर हो जाता है।

इसमें कोई शक नहीं कि लेखक-निर्देशक अनुभव सिन्हा की ‘मुल्क’ आज के दौर की सबसे ज्यादा जरूरी फिल्म बन पड़ी है। अनुभव फिल्म में हम (हिंदू) और वो (मुसलमान) के बीच के विभाजन की ओर ध्यान आकर्षित करके आज के धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य पर करारा प्रहार करते हैं।

सिन्हा कहते हैं कि मुल्क ‘का स्वागत कई तरीकों से अभूतपूर्व था। एक, यह सिनेमाघरों के लिए राजनीतिक पत्रकारों और आम लोगों को आकर्षित किया।

हां, इसमें बहुत सारे शो नहीं हैं, लेकिन चूंकि प्रदर्शकों ने फुटेज से सुखद आश्चर्यचकित किया है, इसलिए उन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि जब तक यह लोगों को सिनेमाघरों में आकर्षित करता है तब तक ‘मुल्क’ स्क्रीन होगी।

सिन्हा का मानना ​​है कि फिल्म के अंतर्निहित विचार दर्शकों के साथ जुड़े हुए हैं।
फिल्म में देखा गया है, जिन्होंने सिन्हा की भावनाओं को प्रतिबिंबित किया है, कहते हैं कि इसे देखा जाना चाहिए क्योंकि यह ‘अन्य’ के बारे में धारणाओं को उजागर करता है और देशभक्ति की लोकप्रिय धारणा को चुनौती देता है।