अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के लिए 7 मार्च के दिन काफी महत्वपूर्ण और एतिहासिक होने जा रहा है। क्योंकि इस दिन 32 साल के बाद भारत के राष्ट्रपति मुस्लिम यूनिवर्सिटी में विशेष मेहमान होने जा रहे हैं। वाइस चांसलर के इस कदम से अलीग बिरादरी में ख़ुशी का माहौल है और लोग इसे सकारात्मक और खुशनुमा पहलु मान रहे हैं, और प्रोफ़ेसर तारिक मंसूर को एक दूरदर्शिता वाइस चांसलर के तौर पर देख रहे हैं।
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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का 65वां दीक्षांत समारोह 7 मार्च 2018 को एथलेटिक्स ग्राउंड में पूर्वाह्न 11.30 बजे से आयोजित किया जाएगा। इसमें देश के राष्ट्रपति एवं एएमयू के विजिटर रामनाथ कोविंद मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। करीब 32 साल बाद पांचवें राष्ट्रपति का एएमयू के दीक्षांत समारोह में यह आगमन होगा।
एएमयू कुलपति प्रो. तारिक मंसूर की ओर से प्रेषित निमंत्रण को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वीकार कर लिया है। इसके साथ ही एएमयू में युद्धस्तर पर तैयारी शुरू कर दी गई है।
सुप्रीम गवर्निंग बॉडी कोर्ट के सीनियर सदस्य खुर्शीद अहमद का कहना है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद धन्यवाद के पात्र हैं, जिन्होंने यूनिवर्सिटी के आमंत्रण को स्वीकार किया। इसी के साथ साथ वाइस चांसलर प्रोफ़ेसर तारिक मंसूर का यह फैसला बहुत ही दूरदर्शिता और बौद्धिकता भरा है। इसके वह धन्यवाद् के पात्र हैं।
उनहोंने कहा कि राष्ट्रपति सेंट्रल यूनिवर्सिटी के विजीटर होते हैं, ऐसे में अलीग बिरादरी को रामनाथ कोविंद से बड़ी उम्मीदें हैं।
उनहोंने कहा कि छात्र के लिए यह सम्मान की ब्बत है कि वह अपनी डिग्रियां और मेडल भारत के पहले नागरिक के हाथ से लेंगे। छात्र को चाहिए कि अपने राष्ट्रपति का जबरदस्त तरीके से स्वागत करें और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की शान व शौकत और इसकी इज्जत का एहसास दिलाएं।