राष्‍ट्रपति ने बढ़ती बेरोज़गारी पर जताई चिंता, कहा- रोज़गार के लिए तुरंत उठाया जाए कदम

देश में तेजी से बढ़ती बेरोजगारी पर राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने चिंता ज़ाहिर की है। प्रणब मुखर्जी ने बुधवार को कहा कि हर साल रोजगार बाजार में लाखों लोग प्रवेश कर रहे हैं, लेकिन उस अनुपात में रोजगार पैदा नहीं हो रहे। उन्होंने कहा कि इससे देश के जनसांख्यिकीय लाभांश का सही लाभ उठाने के रास्ते में बाधा उत्पन्न हो रहा है।

इकॉनोमिक टाइम्‍स अकबार के मुताबिक, ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन के डायमंड जुबली के एक विशेष कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने कहा कि देश में उद्यमिता के लिए पूरा प्रशिक्षण देने वाली प्रबंधन शिक्षा की तुरंत आवश्‍यकता है। उन्होंने कहा, “देखिए, हर साल लगभग एक करोड़ लोग रोजगार बाजार में आते हैं, लेकिन उस अनुपात में रोजगार की व्‍यवस्‍था नहीं हो पा रही है।”

उन्होंने कि बेरोजगारी की समस्‍या से निपटने के लिए हमें स्टार्टअप पर निर्भर करना पड़ेगा। हमें छोटे कारोबार शुरू करने चाहिए तभी बढ़ती बेरोजगारी पर लगाम लगा सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत सबसे युवा देश है। हमारे पास सबसे अधिक युवा शक्ति और कार्यबल है।

यह सुविधा थोड़े और अधिक समय के लिए रह सकती है। लेकिन यह फायदा हमें सही लाभांश नहीं देगा, अगर हम अपनी युवा शक्ति और कार्यबल का सही से इस्तेमाल नहीं करेंगे।

राष्ट्रपति ने कहा कि हमें अपनी युवा शक्ति को रोजगार देना होगा, तभी अर्थव्‍यवस्‍था को इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि देश के युवाओं के लिए अधिक कारोबार शुरू करने की जरूरत है। युवाओं के नौकरी के स्थान पर उनके लिए अधिक रोजगार अवसर पैदा करने की भी आवश्यकता है।

उन्होंने याद दिलाया कि भारत आधी सदी से भी अधिक समय तक दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक रहा। आज यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती उभरती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। उन्होंने कहा कि हमने हर क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है।