राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आखरी ख़िताब में कहा- देश को फिर से अहिंसा का पाठ पढ़ाने की जरूरत

नई दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को कल उनके कार्यकाल के अंतिम दिन पर विदाई दी जा चुकी है। आज राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी बतौर राष्ट्रपति राष्ट्र को अंतिम बार संबोधित कर रहे हैं। उन्होंने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति को बधाई दी। राष्ट्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने हर विभाग के लोगों से काफी कुछ सीखा है।

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उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक विविधता भारत को खास बनाती है। देश में बढ़ती हिंसा पर चिंता जताते हुए मुखर्जी ने कहा कि देश को फिर से अहिंसा का पाठ पढ़ाने की जरूरत है।

गौरतलब है कि कल अपनी विदाई समारोह में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कई मुद्दों को संबोधित किया था। उन्होंने कहा था मैंने अपने जीवन में बहुत कुछ सीखा है। मेरे कैरियर को इंदिरा गांधी ने दिशा दी। मुझे इस लोकतंत्र के मंदिर ने तैयार किया। देश की एकता संविधान की बुनियाद है।

राष्ट्रपति ने कहा था कि जीएसटी पास होना वयस्क लोकतंत्र की निशानी है। संसद में बहस के बिना पास हुआ बिल जनता के साथ धोखा है। संसद में बाधा सरकार से अधिक विपक्ष के लिए हानिकारक है। भारत में विभिन्न धर्मों के लोग संविधान की सरपरस्ती में रहते हैं।