राष्ट्रपति के भाषण से इस्लामी सिद्धांतों पर हमले वाला हिस्सा हटाया जाए: फेडरेशन

नई दिल्ली: मुस्लिम महिलाओं की गैर-सरकारी संगठनों के फेडरेशन ने संसद के संयुक्त बैठक से राष्ट्रपति के भाषण में मुस्लिम महिलाओं के संबंध से दिए बयान को इस्लाम के उसूलों पर सीधे तौर पर हमला करार दिया।

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इस बयान पर सरकार के अप्रोच की कड़ी निंदा निंदा की है, और राष्ट्रपति से भाषण से संबंधित हिस्से को हटाने की मांग की है। आज यहाँ प्रेस क्लब में 29 गैर सरकारी संगठनों के फेडरेशन ने एक प्रेस सम्मेलन में सरकार को यह मशवरा भी दिया है कि वह देश की दूसरी सबसे बढ़ी अल्पसंख्यक के भावनाओं को इस तरह आहत न करे।

फेडरेशन की डाईरेक्टर असमा जोहरा ने बताया कि 29 जनवरी को संसद के दोनों सदनों से राष्ट्रपति के भाषण के जरिए सरकार ने जिस तरह देश के मुसलमानों के भावनाओं को आहत किया है वह बेहद अफसोसनाक है। फेडरेशन के मुताबिक यह कहना कि दशकों से मुस्लिम महिलाओं के सम्मान को राजनितिक हितों के हत्थे चढाया जाता रहा और अब कौम को मौक़ा मिला है कि वह उन्हें इन हालात से छुटकारा दिलाये।