सैफ़ुल्लाह के पिता सरताज पर लाश नहीं लेने का दबाव है

7 फरवरी की शाम लखनऊ एनकाउंटर में मारे गए सैफ़ुल्लाह के पिता पर उसकी डेडबॉडी नहीं लेने का दबाव है। उनसे कहा गया है कि चूंकि उनका बेटा आतंकवादी है, इसलिए उन्हें उसकी लाश नहीं लेनी चाहिए। मगर मीडिया ने इस ख़बर का यह सच छिपा लिया और ख़बर यह प्रकाशित/प्रसारित की कि सैफ़ुल्लाह के पिता ने उसकी डेडबॉडी लेने से इनकार कर दिया है।

सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी देते हुए पत्रकार असद अशरफ़ ने लिखा है, ‘मैं लगातार उन लोगों के संपर्क में हूं जो लोग सैफ़ुल्लाह के पिता और उनके घरवालों से बातचीत कर रहे हैं। मुझे बताया गया है कि सरताज पर अपने बेटे की लाश नहीं लेने के लिए बुरी तरह दबाव बनाया गया है।’ असद इसके आगे लिखते हैं, ‘धर्मनिरपेक्ष राष्ट्रवादियों से गुज़ारिश है कि वो इसे बढ़ा-चढ़ाकर ना पेश करें। इस कहानी में और भी बहुत कुछ है।’

सैफ़ुल्लाह का एनकाउंटर यूपी चुनाव के अंतिम चरण के मतदान से ठीक पहले हुआ था। जिस तरह इस ऑपरेशन में यूपी एटीएस ने कई घंटे लगाए और मीडिया ने उसका लाइव कवरेज किया, उससे दाल में कुछ काला शुरू से नज़र आ रहा था। उसके बाद मारे गए कथित संदिग्ध सैफ़ुल्लाह के पिता का शव लेने से इनकार करने वाली ख़बर भी मीडिया ने ओवरप्ले की गई। इसके बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह और मीम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी समेत कई लोगों ने सरताज के इस कदम का स्वागत किया था।

मगर यह कहानी उतनी सपाट नहीं है जितनी की मीडिया में बताई जा रही है। पत्रकार असद अशरफ़ से पहले भी कई लोग यही सवाल सोशल मीडिया में उठा चुके हैं कि उनके परिवार पर लाश नहीं लेने का दबाव बनाया जा रहा है। मगर सबसे बड़ा सवाल यह है कि दबाव कौन बना रहा है? कहीं समाचार चैनलों के पत्रकार तो नहीं?