भीड़ हिंसा की रोकथाम सरकार की अहम ज़िम्मेदारी है: मुफ़्ती मुकर्रम

नई दिल्ली: मस्जिद फतेहपुरी दिल्ली के शाही इमाम मौलाना डॉक्टर मुफ़्ती मोहम्मद मुकर्रम अहमद ने नमाज़े जुमा से पहले ख़िताब में मुसलमानों से अपील किया है कि माहे रमजान गुजरने के बाद इबादतों में कोताही न करें, नमाज़ जमात के साथ अदा करें। जुमा की नमाज़ों में जमात के साथ भारी संख्या में हाज़िर हों, सदका खैरात, गरीबों और बीमारों आदि की मदद करने के लिए हर समय तैयार रहें।

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शाही इमाम ने पलख्वा गाँव बझेड़ा में कासिम और समी के साथ बर्बर मारपीट करने और भीड़ हिंसा में कासिम की हत्या और समी के घायल होने की निंदा की और गंभीर चिंता का इज़हार किया और पीड़ितों को मुआवजा दिए जाने की अपील की। और आरोपियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की मांग किया।

उन्होंने बरेली बारादरी इलाका सकलैन नगर के कांकर टोला चौकी के पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग किया जिसके हिंसा से मोहम्मद सलीम नामी मांस व्यापारी की मौत हुई। शाही इमाम ने कहा कि अगर सरकार घाटी के अखलाक की भीड़ हिंसा पर त्वरित कार्रवाई करती तो बाद में सरकार को बदनामी उठानी नहीं पड़ती।

अब भी समय है सरकार भीड़ हिंसा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करे ताकि अधिक बदनामी न हो। शाही इमाम ने इजराइल सरकार के जरिये गाजापट्टी में और फिलिस्तीनी अधिकृत इलाकों में निहत्थे फिलिस्तीनी जनता, महिलाओं, बच्चों और बीमारों की हत्या पर गंभीर चिंता व्यक्त किया।