भोपाल : दिल्ली के लाल किले को पांच साल के लिए डालमिया ग्रुप को ठेके पर देने के बाद केंद्र सरकार अब मध्य प्रदेश सहित देशभर की कई ऐतिहासिक महत्व की इमारतों को भी निजी हाथों में दे रही है। इसमें मध्य प्रदेश में स्थित विश्व धरोहर भीमबैठका, ग्वालियर का किला समेत सात ऐतिहासिक महत्व की इमारतें शामिल हैं। बताया जा रहा है कि निजी कंपनियां सिर्फ पर्यटन गतिविधियां ही संचालित कर सकेंगी। वे इन धरोहरों से छेड़छाड़ नहीं कर सकेंगी। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने ‘एडॉप्ट अ हेरिटेज’ नाम से एक योजना शुरू की है। इसमें देशभर के 93 हेरिटेज मॉन्यूमेंट निजी हाथों में दिए जा रहे हैं। इसकी सूची भारत सरकार की एडॉप्ट अ हेरिटेज वेबसाइट पर दी गई है। केंद्र सरकार के मुताबिक इन पर्यटन स्थलों को पर्यटकों के लिए और सुविधाजनक बनाने के लिए यह योजना शुरू की गई है।
एडॉप्ट ए हेरिटेज स्कीम में दिल्ली का लाल किला पांच वर्षों के लिए डालमिया ग्रुप को 25 करोड़ रुपये में गोद दे दिया गया। ताजमहल को भी जीएमआर और आइटीसी ग्रुप को सौंपा गया है। सरकार के इस कदम की आलोचना हो रही है। कहा जा रहा है कि दुनिया में भारत ऐसा पहला देश है, जहां विश्वदाय स्मारकों को गोद देकर मानवता की धरोहरों का मजाक बनाया जा रहा है। पर्यटन उद्यमियों ने सरकार के इस फैसले को गलत बताते हुए सरकार से स्वयं इनकी देखरेख करने की मांग की है। ताज को पूर्व में गोद तो नहीं दिया गया, लेकिन कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के तहत टाटा और ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) से करार किया गया था। टाटा ने 1.4 करोड़ रुपये देने का करार किया था।
मध्य प्रदेश की इन सात ऐतिहासिक इमारतों को मिलेगा निजी क्षेत्र को
भीमबैठका : आदि मानव द्वारा बनाए गए शैलचित्रों के लिए प्रसिद्ध है। यूनेस्को ने वल्र्ड हेरिटेज साइट घोषित किया है। कई कलाकृतियां 30 हजार साल पुरानी हैं।
ग्वालियर का किला : इस किले का निर्माण सन् 727 ईस्वी में सूर्यसेन नामक एक स्थानीय सरदार ने किया। लाल बलुए के पत्थर से निर्मित यह किला देश के सबसे बड़े किले में से एक माना जाता है।
मांडू के शाही किले : छठवीं शताब्दी में स्थापित। रानी रूपमती और बाज बहादुर के प्रेम के साक्षी मांडू शहर के कई किले निजी हाथों में जाएंगे। जहाज महल, हिंडोला महल, नीलकंठ महल इसमें शामिल है।
दतिया महल : इसका निर्माण राजा बीर सिंह देव ने मुगल शासक जहांगीर के स्वागत के लिए करवाया था। इसमें 440 कमरे हैं। इसे बनवाने में करीब नौ साल लगे। भारत-इस्लामिक वास्तुकला का उदाहरण।
रानी रूपमती पवेलियन : मांडू में स्थित रानी रूपमति पवेलियन सेना के अवलोकन के लिए बनाया गया था। कहा जाता है कि यहां से रानी रूपमती नर्मदा नदी के दर्शन करती थीं।
होशंगशाह का मकबरा : मांडू में स्थित होशंगशाह का मकबरा संगमरमर से बना भारत का पहला मकबरा माना जाता है। होशंगशाह का मालवा क्षेत्र का पहला मुस्लिम शासक था।
शाही किला : बुरहानपुर स्थित शाहजहां और मुमताज के प्रेम कहानी का गवाह है शाही किला। शाहजहां यहां पांच साल रहे। मुमताज की मौत यहीं हुई थी। फारूखी काल का किला है।