लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक ने कहा है कि उर्दू जुबान को बढ़ावा देने के लिए रोजगार से जोड़कर इसे समाज के केंद्र धरा से जोड़ने की ज़रूरत है। श्री नायक पिछले दिनों ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती उर्दू, अरबी, फारसी विश्वविद्यालय, लखनऊ और मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ़ ह्युमानीटीज एंड टेक्नोलॉजी सीतापुर की ओर से संयुक्त रूप से आयोजित किये गये दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय उर्दू कांफ्रेंस में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
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राज्यपाल ने कहा कि उर्दू सभी को जोड़ने वाली भारतीय भाषा है। उर्दू किसी विशिष्ट वर्ग की भाषा नहीं है, क्योंकि भारतीय संविधान में इसे मंजूरी दी गई है। उर्दू भाषा ने देश के कई ऐसे लेखक और विद्वान दिए हैं जो एक विशिष्ट वर्ग के नहीं हैं।
फिराक गोरखपुरी, चकबसत, प्रेम चंद, गोपी चंद नारंग जैसे कई उर्दू साहित्यकार उर्दू को अमर बनाया है।