नई दिल्ली। भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा है कि अयोध्या में राम जन्मभूमि मामले में उन पर मुकदमा चलाना वास्तव में राम के नाम पर भारत के आम लोगों के आस्त्था पर मुकदमा चलाना है।
उमा भारती ने रविवार रात यहां एक कार्यक्रम में कहा कि उनसे पूछा जा रहा है कि अयोध्या की 1992 की राम जन्मभूमि आंदोलन के मामले में उन्हें आरोपी बनाया गया है तो क्या वह इस्तीफा देंगे। उन्होंने कहा कि वह स्पष्ट करना चाहेंगी कि उन्होंने 2004 में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा इसलिए दिया था, क्योंकि उन्होंने हुबली में कर्फ्यू तोड़ा था और अदालत ने उन्हें आरोपी मानकर वारंट जारी कर दिया था। उन्होंने इसलिए इस्तीफा दिया था कि वह अपराधी के रूप में पद पर नहीं रह सकती थीं।
उमा भारती ने कहा कि राम जन्मभूमि आंदोलन में भाजपा का हर कार्यकर्ता और आरएसएस हर स्वयंसेवक भागीदार था इसी तरह से वे भी शरीक थीं। उन्होंने सवाल किया कि इस देश में राम का नाम लेना और अयोध्या जाना अपराध कैसे हो गया है।
सुश्री भारती ने कहा कि देश के सौ (100) करोड़ नागरिकों की आस्था राम पर है। घर में बच्चे के जन्म पर कोशलया के राम और शादी के अवसर पर राम सेना की शादी तथा मरने पर ‘राम नाम सत्य’ का विर्द है, जिससे पता चलता है कि राम के नाम से भक्ति कितनी गहरी है।
उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि आंदोलन में हिस्सेदारी भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उन्हें खुद आरोपी बनाकर मुकदमा चलाना, दरअसल राम के नाम पर भाजपा के विश्वास पर मुकदमा चलाना है।