गौरी लंकेश की हत्या के ख़िलाफ़ फ़िर हुआ प्रदर्शन, लोग बोले- फूल रौंदने से बहारों का आना नहीं रुकेगा

वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या को एक महीने बीत चुके हैं, लेकिन हत्या को लेकर विरोध अभी भी जारी है। आज राजधानी दिल्ली में सैकड़ों सामाजिक और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और छात्रों ने एक बार फिर से विरोध प्रदर्शन किया और हमलावरों की गिरफ्तारी की मांग की।

प्रदर्शन के दौरान सामाजिक कार्यकर्ता कमला भसीन ने कहा, “हम हिंसा के खिलाफ प्रेम और सद्भाव के लिए यहां इकट्ठे हुए हैं। हम यहां हत्यारों को बताने आए हैं कि एक गौरी की हत्या हमें चुप नहीं करा सकती।”

“रौंद सकते हो तुम फूल सारे चमन के, पर बहारों का आना नहीं रोक सकते”। भसीन ने इन पंक्तियों के साथ कहा, “देखो, यहां विरोध कर रहे सभी लोग गौरी लंकेश बनेंगे। हम किसी भी पक्ष द्वारा की गई हिंसा के खिलाफ हैं”।

सैकड़ों प्रदर्शनकारियों में कई सशक्त कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़, अन्नि राजा, प्रोफेसर अपूर्वानंद, नंदिता नारायण, हर्ष मंदर, प्रशांत भूषण और प्रभात पटनायक शामिल थे।

तीस्ता सीतलवाड़ ने कहा, “कर्नाटक सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जांच स्वतंत्र रूप से हो और बिना देरी के हो।” दक्षिणपंथी समूह, जो खुले तौर पर नफ़रत और हिंसा की संस्कृति को बढ़ावा दे रहे हैं, उनका पर्दाफाश हो गया है”।

उन्होंने कहा, “हम दिल्ली में क्यों विरोध कर रहे हैं क्योंकि यह एक राष्ट्रीय मुद्दा बन गया है। पूरे देश में डर और नफरत को सही ठहराया जा रहा है। लिंचिंग और हत्याओं की घटनाएं आम हो गई हैं। इसलिए, हम गृह मंत्री से मांग और अनुरोध करते हैं कि राष्ट्रीय स्तर पर गृह मंत्री यह साफ संदेश दें कि सड़कों पर नफ़रत0 और भय पैदा करने वाली राजनीति बर्दाश्त नहीं की जाएगी और संविधान और कानून का शासन होगा। अगर ऐसा संदेश गृह मंत्रालय की ओर से आता है, तो हम मानते हैं कि इस तरह की घटनाओं में कमी आएगी”।

इस विरोध प्रदर्शन को कई संस्थाओं द्वारा आयोजित किया गया था। जिसमें स्वराज अभियान, केंद्रीय भारतीय व्यापार संघ, प्रगतिशील महिला संगठन, जनसंघर्ष मंच हरियाणा, डीवाईएफआई (भारतीय लोकतांत्रिक युवा संघ), पीडीएसयू (प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स यूनियन), फोरम अगेंस्ट एसेसिनेशन ऑफ गौरी लंकेश, एआईएसए, एआईयूएफ, एआईएमएसएस, जेएनयू छात्रसंघ, भारतीय राइटर्स फोरम, आईएफटीयू और कई अन्य शामिल थे।