नई दिल्ली : देश की वरिष्ठ पत्रकार गौरी शंकर की 3 गोलियां चलाकर हत्या कर दी गई। गौरी लंकेश की हत्या के बाद विरोध में देशभर के अलग-अलग हिस्सों में पत्रकार विरोध में सड़क पर उतर चुके हैं। पत्रकारों का साथ देने के लिए सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों के नेता भी आए। सबने माना ये लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है।
दिल्ली के प्रेस क्लब में देश के जाने-माने पत्रकार और ‘द वायर’ एडिटर सिद्धार्थ वरदराजन ने बताया कि विरोध चाहे जितना हो, हम डर के पीछे नहीं हटेंगे। दिल्ली में प्रेस क्लब के खचाखच भरे परिसर में एनडीटीवी के रवीश कुमार ने इस बात पर ध्यान खींचा कि गौरी लंकेश की मौत पर बहुत अभद्र भाषा में छींटाकशी कर रहे लोगों को किस तरह देश की सत्ता का मौन समर्थन हासिल है।
दिल्ली के प्रेस क्लब में दोपहर से पत्रकार, अलग-अलग संगठनों के लोग और नेता जुट हैं। महाराष्ट्र के कोल्हापुर से आईं गोविंद पनसारे की बहू ने बताया कि कैसे उस पनसारे हत्याकांड की जांच ठहरी हुई है।
गौरतलब है कि पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के बाद आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और हिंद स्वराज के संस्थापक योगेंद्र यादव ने कहा कि ये व्यक्ति की नहीं, विचार की हत्या है। पत्रकारों के इस हुजूम में लेफ्ट के कई नेता भी नजर आए। यहां सीताराम येचुरी, डी राजा और मोहम्मद सलीम दिखे।
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