अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुस्लिम विरोधी नीतियों और बयानों का विरोध करने के लिए कुछ मुसलमानों ने अनोखा रास्ता निकाला। मुस्लिमों के एक समूह ने गुरुवार को ट्रंप टावर के सामने अपना रोज़ा खोला और यहीं पर मगरिब की नमाज भी पढ़ी।
गुरुवार करीब 100 मुस्लिम न्यू यॉर्क स्थित ट्रंप टावर के बाहर इफ्तार के लिए जमा हुए । इनके साथ गैर-मुस्लिम समुदाय के लोग भी मौजूद थे। इन सभी लोगों ने ट्रंप टावर के किनारे सड़क पर बैठकर अपना रोजा खोला और आपस में खाना साझा किया। पुलिस भी इस मौके पर वहां मौजूद थी। ट्रंप टावर के पास आने वाले सभी लोगों और समूहों की पुलिस निगरानी करती है।
ट्रंप टावर राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के कारोबार का गढ़ है। उनकी पत्नी मेलानिया अपने छोटे बेटे की पढ़ाई-लिखाई के कारण फिलहाल वाइट हाउस में न रहकर ट्रंप टावर में ही रहती हैं।
जिन मुस्लिमों ने ट्रंप टावर के बाहर रोजा खोला, उनमें शामिल 26 वर्षीय युवती ने न्यूज एजेंसी AFP से बात करते हुए कहा, ‘ट्रंप प्रशासन मुस्लिमों के खिलाफ जो झूठ फैला रहा है, उसका विरोध करने और मुस्लिमों के प्रति एकजुटता जताने के लिए हम यहां आए हैं।’
एक यहूदी संगठन के साथ काम करने वाली 31 साल की अमेरिकी नागरिक ने कहा, ‘मैं अपने मुस्लिम पड़ोसियों और दोस्तों का समर्थन करने यहां आई हूं।’
इस कार्यक्रम का आयोजन करने वाली लिंडा सारसोर ने बताया, ‘मैंने सोचा कि यह एक समाज के तौर पर हमारे एकजुट होना का जरिया बन सकता है। इस कार्यक्रम के द्वारा हम अपनी एकता दिखा सकते हैं। इसमें शरीक होने के लिए जितने लोग आए, उनकी संख्या से मैं संतुष्ट हूं।’
पूर्व राष्ट्रपतियों की तरह ट्रंप ने इस बार इफ्तार दावत के लिए मुस्लिम समुदाय के लोगों को वाइट हाउस आने का आमंत्रण नहीं दिया। इसपर प्रतिक्रिया करते हुए लिंडा ने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं, तो मैं मुस्लिमों से यही अपील करूंगी कि वे ऐसे प्रशासन का समर्थन न करें जो कि असलियत में लोगों को बांटने की नीति पर काम कर रही है।’