मुस्लिम महिलाओं का विरोध प्रदर्शन एक क्रांतिकारी कारनामा है

आज दुनियाभर में महिलाओं के अधिकार पर बातें होती हैं और उनके खिलाफ अत्याचार पर विरोध की आवाज़ भी उठती हैं। उसके बावजूद हक़ीक़त यह है कि इस हवाले से लोगों के कहने करने में बहुत फर्क है।

यही वजह है कि जब आप जायज़ लेंगें तो आपके सामने यह हैरतंगेज़ बात खुलकर सामने आएंगी कि विकिस देशों में महिलाओं के साथ जो रवैया अपनाया जाता है। उसमें गाली गलौच और मारपीट का तो गिना ही नहीं जाता लेकिन जब नोबत जान लेने तक कि जा पहुंची है तो उसको बड़ी खबर में गिना जाता है।

तब मोहल्ले के लोगों को पता चलता है कि इस घर में महिलाओं के साथ क्या क्या होता रहा है। इसी तरह से हमारा देश भारत जहां बतौर खास मौजूदा सरकार, महिलाओ को अधिकार दिलाने का दावा कर रही है जबकि इसी देश में पिछले सप्ताह जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं की तनख्वाह पुरुषों के मुकाबले में 20 फीसद कम है और तनख्वाह के तय करने में कर्मचारी के महिला या पुरुष होना बहुत मायनी रखता है।

ऐसे में मुस्लिम महिलाओं का अपने अधिकारों के बचाव में विरोध प्रदर्शन करना एक क्रांतिकारी कदम है।