उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद एक के बाद अवैध बूचड़खानों को बंद किया रहा है। इस कार्यवायी पर लगातार सवाल भी उठने लगे है। प्रशासन की इस कार्यवाई को भाजपा द्वारा किए गए वादे के प्रति प्रतिबद्धता के तौर पर देखा जा रहा है।
लेकिन इन सब के बीच उन गरीब मीट की दुकान चलाने वालों की आवाज़ अनसुनी की जा रही है जिनकी रोज़ी-रोटी आदित्यनाथ के सीएम बनते ही उजाड़ दी गई।
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कुछ यही हाल है मऊ के कुरैशियों का जो पुश्तों से मीट का कारोबार कर रहे है। इसके अलावा इन लोगों के पास और कोई काम नहीं। उन्होंने कहा है कि स्लाटर हाउस को अगर सरकार को बंद करना है तो करे लेकिन उससे पहले सरकार उनके लिए रोजगार का इंतजाम करे।
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दरअसल, मऊ की कोतवाली पुलिस और नगर पालिका ने इलाके कुछ स्लाटर हाउस सील कर दिया था। इस खबर के आने के बाद इलाके के मीट कारोबारियों और दुकानदारों ने सरकार से मांग की है कि वो सबसे पहले उनके परिवार का पेट कैसे भरे इसका इंतजाम करे।
https://www.youtube.com/watch?v=ObxVYJ5MPM8
बता दें कि मऊ जिले में मुसलमानों की तादाद लाखों में है और उनमें से लगभग तीन हजार परिवार मीट के कारोबार से जुड़ा है।
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सरकार के इस फैसले के बाद इन सभी परिवार के सामने रोजी-रोटी का संकट आ गया। इस इलाके के लोगों रोजगार के अलावा यह भी मांग की है कि यदि जीव हत्या के नाम पर स्लाटर बंद किया जा रहा है तो भैंस, बकरा, सूअर और मुर्गे के कटने पर रोक लगनी चाहिए।
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