कुरआन में फसादियों के खात्मे की इजाजत है: एमजे अकबर

नई दिल्ली। विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने कहा है कि आतंकवाद का खात्मा इंसानों की जान बचाता है और कुरान भी ‘फसादियों’ को मिटाने की इजाजत देता है। अकबर के मुताबिक, ऐसा करने से एक पूरे समुदाय की हिफाजत होती है। यह बात उन्होंने नैशनल सिक्यॉरिटी गार्ड्स (एनएसजी) के एक कार्यक्रम में कही।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुस्लिमों के कुछ धड़ों में कट्टरता के प्रसार की वजह से वास्तविकता और इस्लाम के सही संदेश के धूमिल पड़ने का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में भारत सरकार कट्टरता से निपटने के लिए एक इंटरनेशनल सेमिनार रखने के बारे में विचार कर रही है।

यहाँ उन्होंने मजहब के जरिए राजनीतिक लक्ष्य हासिल करने की कोशिश कर रहे लश्कर और इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकवादी संगठनों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘मेरे इस्लामिक विश्वास के मुताबिक, धर्म में राजनीतिक मतभेद तो काफी पहले पैगंबर मोहम्मद की मृत्यु के बाद ही उभरकर सामने आ गया और इसकी वजह से ही शियाओं और सुन्नियों के बीच संघर्ष है। अगर धर्म ही राष्ट्रवाद का आधार होता तो 22 अरब देश क्यों बनते?’

अकबर ने बताया कि कुरान ‘फसादी’ लोगों के खात्मे की इजाजत देता है। उन्होंने कहा, ‘फसाद ऐसा शब्द है, जिसका आजकल भारत में बहुत ज्यादा इस्तेमाल होता है। एक ‘फसादी’ का खात्मा पूरे समुदाय को बचाने के जैसा है।

केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर हैरानी जताई कि आखिर क्यों यूएन और इसके सदस्य देशों ने आतंकवाद की परिभाषा को बेहद सीमित करके रखा है। उन्होंने कहा कि जब हम आतंकवाद का खात्मा करते हैं तो इंसानी अधिकारों की रक्षा करते हैं।

यह बहस लगातार चलती ही रहेगी कि जो लोग आतंकवाद का खात्मा चाहते हैं, वे एक तरह से मानवाधिकारों का उल्लंघन करते हैं। ऐसा उन परिस्थितियों में है, जब मानवाधिकारों को सबसे बड़ा खतरा भी आतंकवाद से ही है।