वियाना: यूरोपीय देश ऑस्ट्रिया ने सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का पहनने पर पाबंदी लगा दी है। चेहरे का पर्दा करने वाली महिलाओं को 150 यूरो का जुर्माना किया जाएगा जबकि अब कुरान के पर्चे मुफ्त वितरित नहीं किए जा सकेंगे।
ऑस्ट्रिया के संसद में पारित किए जाने वाले विधेयक का समर्थन सत्ताधारी दल ‘एसपीओ’ और ‘ओवीपी’ की ओर से किया गया है, इसके बावजूद हाल के कुछ दिनों से दोनों पार्टियां कई मामलों को लेकर विभाजित हो चुकी हैं। अक्टूबर की शुरुआत से पुलिस ऐसे लोगों को जुर्माना करने का सिलसिला शुरू कर देगी, जिनके चेहरे कपड़े से ढके होंगे। बुर्के और कुरान के पर्चे की मुक्त वितरण पर प्रतिबंध का यह कानून एकीकरण से संबंधित एक व्यापक कानून का हिस्सा है।
सार्वजनिक परिवहन प्रणाली, अदालतों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में नक़ाब करने और बुर्का पहनने वाली महिलाओं को एक सौ पचास यूरो का जुर्माना किया जाएगा। अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि इस नए कानून से कितने लोग या मुसलमान महिलायें प्रभावित होंगी। मंगलवार को इस कानून के पारित होने के बाद दक्षिणपंथी पार्टी एफपीओ का इस हवाले से कहना था कि इस कानून को अधिक सख्त बनाने की जरूरत है।
इसके साथ ही प्रवासियों के एकीकरण के लिए बारह महीने का एक कोर्स भी शुरू करवाया गया है। जो प्रवासी ऑस्ट्रिया में रहने के इच्छुक हैं, उन्हें स्कूलों में जाते हुए यह कोर्स करना होगा। उन स्कूलों में न केवल स्थानीय भाषा सिखाई जाएगी बल्कि उन्हें स्थानीय परंपराओं और मूल्यों की शिक्षा भी दी जाएगी। इसी तरह प्रवासियों को यह भी सिखाया जाएगा कि किसी नौकरी के लिए आवेदन कैसे करना है और आवेदन कैसे लिखनी है।
राज्य सचिव मोना डोसडर का कहना था कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रवासियों को बेहतर भविष्य प्रदान करना है।