पाकिस्तान की असेंबली ने बुधवार को सरकारी स्कूलों में एक से लेकर 12 वीं क्लास के मुस्लिम छात्रों को अनिवार्य रूप से क़ुरआन पढ़ाये जाने से जुड़ा विधेयक पारित कर दिया।
इसमें कहा गया कि एक से लेकर पांचवीं क्लास के छात्र क़ुरआन को अरबी भाषा में पढ़ेंगे जबकि 6 से 12 क्लास के छात्र उर्दू अनुवाद के साथ क़ुरआन पढ़ना सीखेंगे।
हालाँकि विधेयक में साफ़ कहा गया है कि यह नियम सिर्फ मुस्लिम छात्रों के लिए है। यह कानून देश के सभी राज्यों के शैक्षिक संस्थानों पर लागू होगा।
वहीँ, सरकार ने यह भी कहा कि क़ुरआन की तालीम पर प्रांत अलग-अलग कानून बना सकते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस कानून का मकसद सभी पाकिस्तानी मुसलमानों को क़ुरआन की तालीम देना है। इस विधेयक के कानून बनने के लिए राष्ट्रपति ममनून हुसैन की मंज़ूरी की जरूरत होगी।