नोटबंदी गलत फैसला था, मुझे खुद नोट बदलवाने के लिए भारत आना पड़ा था: रघुराम राजन

नई दिल्ली: आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने बीते साल केंद्र सरकार द्वारा की गई नोटबंदी से जुड़ा एक दिलचस्प बयान दिया है।

उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार के नोटबंदी के कदम की उन्हें कोई जानकारी नहीं थी। इसका जायजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पुराने 500 और 2000 के नोटों की बदलवाने के लिए उन्हें खुद अमेरिका से भारत वापस आना पड़ा था। क्योंकि वह कुछ भारतीय करेंसी अपने साथ लेकर गए थे।

उन्होंने ये बयान अपनी किताब के सिलसिले में आयोजित एक कार्यक्रम में दिया है। उनका कहना है कि वे कभी भी नोटबंदी के पक्ष में नहीं रहे क्योंकि उनका मानना था कि नोटबंदी की तात्कालिक लागत इसके दीर्घकालिक फायदों पर भारी पड़ेगी।

गौरतलब है कि सरकार ने 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा की जिसके तहत 500 और 1000 रुपये के मौजूदा नोटों को बंद कर नए 500 और 2000 के नोट जारी किए गए। आरबीआई गवर्नर पद पर रघुराम राजन का 3 साल का कार्यकाल 4 सितंबर 2016 को पूरा हो गया था।

राजन ने कहा कि केंद्र सरकार ने फरवरी 2016 में नोटबंदी पर उनसे राय मांगी थी और उन्होंने ‘मौखिर रूप से’ अपना सुझाव दिया था। जब उनसे पुछा गया कि वह भारत में कोई अन्य पद संभालने के लिए लौटना चाहते हैं या अमेरिका में पढ़ाकर खुश हैं।

उन्होंने जवाब दिया कि अगर उन्हें बुलाया जाता है और अगर उन्हें ऐसी जगह दी जाएगी जहां वह बड़ा बदलाव ला सकते हैं तो वह जरूर आना चाहेंगे।