राहत इंदौरी ने पाकिस्तान दिवस पर कराची मुशायरे में शामिल होने का न्योता ठुकराया

इंदौर। हिंदुस्तान के मशहूर शायर राहत इंदौरी ने पाकिस्तान दिवस पर कराची मुशायरे में शामिल होने का न्योता ठुकरा दिया है।  ये मुशायरा  22 मार्च को आयोजित होना है ।  हालांकि  राहत इंदौरी ने अपनी मसरूफियत का हवाला देते हुए पाकिस्तान के इस कार्यक्रम में शिरकत से मना  किया है, लेकिन उनका मानना है कि दोनों पड़ोसी मुल्कों के बीच जारी तनाव घटाने के लिए अब पाकिस्तान को पहल करते हुए ईमानदार कदम उठाने चाहिए।

आप को बता दें की इस मुशायरे का आयोजन कराची की गैर सियासी संस्था शहरे.काइद आलमी मुशायरा कमेटी करा रही है  जो की  22 मार्च को आयोजित होना है।

इंदौरी इन्हीं हालात पर अपना पुराना शेर याद करते हैं कि ‘दिल्ली में हमीं बोला करें अम्न की बोली, यारों कभी तुम लोग भी लाहौर से बोलो।’यह पूछे जाने पर कि भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में जमी बर्फ पिघलाने के लिए अब पाकिस्तान को ईमानदार पहल करने की जरूरत है, उन्होंने फौरन जवाब दिया- बिल्कुल। अगर दोनों पड़ोसी मुल्कों के बीच अम्न और खुशियां कायम करनी हैं, तो पाकिस्तान को इस दिशा में कोशिश करनी चाहिए।

राहत ने कहा की मुझे कहीं जाने की ख्वाहिश होती है और कहीं जाने की ख्वाहिश नहीं होती है।   उन्होंने बताया कि मैं वर्ष 1986 से अब तक पाकिस्तान में आयोजित मुशायरों में 10.20 मर्तबा शामिल हो चुका हूं। हालांकि मुझे कुछ लोगों ने कहा कि भारत की ओर से कोशिशें होती हैं कि पाकिस्तान से भाईचारे और खुलूस के रिश्ते कायम किए जाएं, लेकिन दूसरी ओर से ऐसी कोशिशें नहीं होतीं।