हैदराबाद यूनिवर्सिटी के छात्र रोहित वेमुला सुसाइड मामले से जुड़ी एक रिपोर्ट कल सार्वजनिक हुई है। ये रिपोर्ट एचआरडी मंत्रालय के न्यायिक आयोग ने दी है। इस आयोग में इलाहबाद हाई कोर्ट के जज जस्टिस ए के रूपनवाल शामिल थे।
इस रिपोर्ट में ये कहा जा रहा है कि रोहित ने ख़ुदकुशी कॉलेज प्रशासन से तंग आकर नहीं की थी। बल्कि वह अपने कुछ निजी कारणों से परेशान चल रहा था, जिसके कारण उसने ऐसा किया।
रिपोर्ट के मुताबिक, रोहित ने अपने सुसाइड नोट में किसी को भी अपनी मौत का जिम्मेदार नहीं ठहराया है। रोहित ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है की वह बचपन में अकेला रहता था और उसको सब कम काबिल समझते थे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि तत्कालीन HRD मंत्री स्मृति ईरानी और बीजेपी नेता बंडारू दत्तात्रेय का रोहित की मौत से कोई लेना-देना नहीं था। जबकि रोहित सुसाइड मामले में इन दोनों बीजेपी नेताओं का नाम आया था।
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि रोहित दलित नहीं था। जबकि रोहित के सुसाइड के बाद प्रदर्शन कर रहे संगठनों ने उसे लगातार दलित बताया गया है।