कासगंज: कुछ लोग दंगा भड़काने के लिए मेरा इस्तेमाल कर रहे थे- राहुल उपाध्याय

उगणतंत्र दिवस के मौके पर उत्तर प्रदेश के कासगंज में भड़की हिंसा का बड़ा जिम्मेदार अफवाहों का गर्म बाजार भी रहा। हिंसा के दौरान हुई गोलीबारी में चंदन गुप्ता नाम के युवक की मौत के अलावा एक और नाम सोशल मीडिया पर आया। वह नाम था राहुल उपाध्याय का, जिसे लोग हिंसा में मरने वाला दूसरा युवक बता रहे थे। इन खबरों को सुनने के बाद खुद राहुल उपाध्याय ने सामने आकर स्पष्ट किया है कि वह जिंदा हैं। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक 24 वर्षीय राहुल उपाध्याय  नोएडा से मीडिया में ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर चुके  हैं । राहुल को कई फोन कॉल्स आने लगे। एक न्यूज आउटलेट चलाने वाले राहुल ने मीडिया को बताया, ‘शनिवार को मुझे फोन आया और मुझसे पूछा गया कि मैं जिंदा हूं या मेरी मौत हो गई। पहले मुझे काफी हैरानी हुई और मुझे लगा कि यह कोई मजाक होगा, लेकिन बाद में एक अन्य फोन कॉल आया, उसके बाद में और भी कई कॉल्स आए, सबने यही सवाल पूछा, तब मुझे समझ में आया कि कुछ तो गड़बड़ है।’

किसान के परिवार से आने वाले राहुल उपाध्याय उस वक्त अलीगढ़ में अपने गांव नगला खानजी में थे। उन्हें कई लोगों ने उनकी मौत की खबरों का स्क्रीनशॉट भी भेजा। राहुल ने बताया, ‘मुझे समझ में आ गया था कि कुछ लोग दंगा भड़काने के लिए मेरा इस्तेमाल कर रहे थे। कहा जा रहा था कि हिंदुओं को मारा जा रहा है। मैं तुरंत ही पुलिस स्टेशन गया और सारी बातें बताई।’ अलीगढ़ के आईजी संजीव गुप्ता ने राहुल को सलाह दी कि वह जितना संभव हो सके मीडिया से संपर्क करे। आईजी ने रिपोर्टर्स को बताया, ‘सोशल मीडिया पर जो अफवाह फैल रही है वह सही नहीं है, राहुल उपाध्याय जिंदा है।’ इंडियन एक्सप्रेस से संजीव गुप्ता ने कहा, ‘हम लोग भी काफी हैरान थे। जहां हिंसा हुई वहां इस नाम का कोई भी व्यक्ति नहीं रहता था। कुछ लोग अफवाह फैला कर दंगा भड़काने की कोशिश कर रहे थे।’