मुज़फ्फरनगर के खतौली में हुए रेल हादसे में भारतीय रेल प्रशासन की बड़ी लापरवाही का खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि इस हादसे का अंदाज़ा रेल प्रशासन को दो महीने पहले ही लग गया था। लेकिन प्रशासन ने इसपर ध्यान नहीं दिया जिसके नतीजे में यह हादसा हुआ।
ख़बरों के मुताबिक, शनिवार को जिस जगत कालोनी के पास यह हादसा हुआ उसी जगह 11 जून की सुबह भी पटरी टूट गई थी। ग्रामीणों ने इस बात की सूचना रेल प्रशासन को दी गई थी लेकिन मौके पर रेलवे का कोई अधिकारी नहीं पहुंचा था। जिसके बाद ग्रामीणों ने समझदारी दिखाते हुए लाल कपड़ा दिखाकर ट्रेन को रोक दिया और एक बड़े हादसे को टाल दिया था।
अब शनिवार को हुए हादसे में बताया जा रहा है कि जिस वक्त यह हादसा हुआ उस वक्त पटरी की मरम्मत का काम चल रहा था। यहां के लोगों ने रेल प्रशासन को इस हादसे के लिए ज़िम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि जब ट्रैक पर काम चल रहा था तो ट्रेन ड्राइवर को इस बात की सूचना क्यों नहीं दी गई।
बता दें कि शनिवार की शाम मुज़फ्फरनगर के खतौली में पुरी से हरिद्वार जा रही कलिंग उत्कल एक्सप्रेस की 14 बोगियां पटरी से उतर गई थीं। हादसे में कम से कम 25 लोगों की मौत हुई है, जबकि 100 से अधिक घायल हुए हैं।