उत्तर भारत में बरसा बाढ़ का कहर, बिहार के 9 ज़िलों में 10 लाख लोग प्रभावित

लगातार जारी बारिश से उत्तर भारत में बाढ़ के हालात बिगड़ गए हैं । पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और असम में बाढ़ के कारण लाखों लोग प्रभावित हैं । दस लाख लोगों को बेघर होना पड़ा है । गंगा, ब्रह्मपुत्र जैसी बड़ी नदियां खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई हैं जिससे हालात और खराब हो सकते हैं ।

बाढ़ से बिगड़े हालात से पीएम नरेंद्र मोदी भी परेशान हैं । इस मुद्दे पर पीएम ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से बात कर हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

देश के उत्तर-पूर्वी राज्यों के कई इलाके डूब गए हैं और लोग अपनी जान-बचाने के लिए मदद की गुहार लगा रहे हैं। असम और पश्चिम बंगाल में पिछले तीन दशकों का रिकॉर्ड टूट गया है।

बाढ़ की वजह से रेलवे पर भी खासा असर पड़ा है । रेलवे ट्रैकों पर पानी भर जाने के बाद ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं, साथ ही कई जगह पूरे के पूरे गांव जलमग्न हो गए हैं। गोरखपुर एयरपोर्ट के रनवे पर पानी भरने से फिलहाल उड़ानों का संचालन बंद कर दिया गया है।

बाढ़ की वजह से 11 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं। इनमें डिब्रूगढ़ राजधानी एक्सप्रेस, पूर्वोत्तर संपर्क क्रांति, महानंदा एक्सप्रेस, नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस, सीमांचल एक्सप्रेस, ब्रह्मपुत्र मेल, असम एक्सप्रेस, गरीब नवाज एक्सप्रेस और अमृतसर कटिहार एक्सप्रेस शामिल हैं।

बिहार के सीमांचल जिलों पूर्णिया, कटिहार, अररिया, किशनगंज में बाढ़ के हालात लगातार बने हुए हैं। यहां अस्पतालों में पानी घुस गया है और दवाईयों के खराब हो जाने का खतरा मंडरा रहा है।

बिहार के किशनगंज में बाढ़ की वजह से रेल पटरी के नीचे की जमीन धंस गई और ट्रेनों का आवागमन बाधित हो गया। यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर रेलवे से दिल्ली से डिब्रुगढ़ (असोम) जा रही ब्रह्मपुत्र मेल को मुगलसराय से ही टर्मिनेट करने का निर्णय लिया।

देश के पूर्वी हिस्से पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ का कहर जारी है, जहां असम में स्थिति बेहद खराब है। यहां बीते 24 घंटों में बाढ़ से 10 लाख लोग बुरी तरह हुए प्रभावित हैं। वहीं राज्य के 21 जिलों में 15 लाख से ज्यादा प्रभावित हैं । लगभग 3,000 ग्रामीणों को बचाया गया और राहत शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया। बाढ़ की वजह से काजीरंगा राष्ट्रीय पार्क काफी प्रभावित हुआ है।