अब आप पैगम्बर मोहम्मद PBUH की जीवनी मारवाड़ी भाषे में भी पढ़ सकेंगे। इसको लिखा है राजस्थान के झुंझुनू ज़िले के कोलसिया गाँव के राजीव शर्मा ने जिसका नाम है ‘पैगम्बर रो पैग़ाम’। राजीव का कहना है कि ईद के मौके पर उसकी तरफ से इंसानियत के लिए यह तोहफा है ताकि सद्भाव का यह माहौल बना रहे।
इनसे पहले भी इन्होने मारवाड़ी में हनुमान चालीसा और उर्दू में शाम चालीसा का अनुवाद किया है। उन्होंने बताया कि पैग़म्बर मोहम्मद की जीवनी मारवाड़ी में लिखने का उसका यह मकसद यह है कि जो लोग उनके उपदेशों को उर्दू में नहीं समझ पाते उनको उनके भाषा मारवाड़ी में लिख कर सद्भाव का यह संदेश दिया जाए।
राजीव शर्मा का कहना है कि विश्व भर के कुछ लोग आतंकवाद को पैगम्बर साहब से जोड़कर देखते हैं जबकि कुरान की आयतें आतकंवाद की निंदा करती है और हजरत मोहम्मद PBUH ने हमेशा इंसानियत का पक्ष लिया था।
राजीव शर्मा कहते हैं कि लोगों की गलतफहमियों को दूर करने के लिए हमने यह जीवनी लिखी। उनका कहना है कि हम में जितनी गलतफहमियां हुंगी हम उतने ही दूसरे धर्मों को गलत नजिरये से देखेंगे।
उन्होंने कहा कि कुछ लोगों का कहना है कि मोहम्मद साहब विदेशी हैं और उनके उपदेश अरब वासियों और मुसलमानों के लिए है जबकि अच्छाई की न कोई सरहद होती हैऔर न कोई धर्म। उनका उपदेश जितना अरब और मुसलमानों के लिए उपयोगी है उतना ही दूसरे देशों के लिए भी।