मध्यप्रदेश में तोड़ा गया राजघाट, मेधा पाटकर ने इसे बापू की हत्या करार दिया 

मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले में नर्मदा नदी के तट पर स्थित राजघाट को तोड़ दिया गया है। शिवराज सरकार की इस कार्रवाई को नर्मदा बचाओ आंदोलन (नबआं) की प्रमुख मेधा पाटकर ने महात्मा गांधी की दूसरी बार हत्या करार दिया है।

दरअसल, नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई को बढ़ाया जा रहा है। इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देश दिए हैं कि 31 जुलाई से पहले बांध की ऊंचाई बढ़ाने से डूब क्षेत्र में आने वाले गांव के निवासियों का पुनर्वास किया जाए। नर्मदा नदी का जलस्तर बढ़ने से राजघाट भी डूब क्षेत्र में आने वाला था। 

सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार गुरुवार को प्रशासन अचानक हरकत में आया और सुबह 4 बजे से पहले ही दल-बल के साथ गांधी स्मारक पहुंच गया। करीब 6.30 बजे बापू सहित कस्तूरबा गांधी और महादेव भाई देसाई के अस्थि कलशयुक्त कांक्रीट की वेदी को एसडीएम महेश बड़ोले की अगुवाई में जेसीबी से तोड़ दिया गया।

नबआं प्रमुख मेधा पाटकर ने बताया कि वह गुरुवार सुबह जब वहां पहुंची तो देखा कि राजघाट को तोड़ दिया गया है और अस्थि कलशों को जेबीसी में ले जाया जा रहा है। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, “राजघाट को हटाना था तो इसकी बेहतर तैयारी की जानी चाहिए, महात्मा गांधी लोगों के दिल में बसते हैं। बड़वानी में जो कृत्य हुआ है, वह महात्मा गांधी की दूसरी बार हत्या जैसा है।” 

उन्होंने शिवराज सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, “राज्य सरकार असंवेदनशील हो चुकी है, वह न्यायालय में झूठी जानकारियां दे रही है, इतना ही नहीं विस्थापित होने वाले परिवारों की जो सूची बनाई है वह भी गड़बड़ है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढ़ने से प्रभावित होने वाले परिवारों की समस्या पर चर्चा तक को तैयार नहीं हैं। जनतंत्र में ऐसा नहीं होता है, जैसा मध्यप्रदेश में हो रहा है।”

उन्होंने कहा कि गुजरात को पानी की ज़रूरत नहीं है, वहां इस समय बाढ़ के हालात हैं, इसलिए बांध की ऊंचाई बढ़ाने के काम को एक साल के लिए रोक देना चाहिए, ताकि विस्थापन का काम बेहतर तरीके से हो सके।