राजसमंद घटना: लव जिहाद के नाम पर हत्या का दावा गलत, लड़की ने किया इंकार

36 वर्षीय शंभूलाल रैगर ने प्रवासी श्रमिक मोहम्मद अफ़राज़ुल की निर्मम हत्या कर दी उसके बाद उन्होंने हत्या का दर्दनाक वीडियो का प्रसारण भी किया था। उन्होंने यह दावा किया था कि उसने यह हत्या एक हिन्दू बहन को लव जिहाद से बचाने के लिए क्या है। लेकिन जिस महिला को बचाने के उन्होंने दावा किया था उसने सामने आकर कहा कि उसका उस आदमी के साथ कोई लेना देना नहीं है।

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इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक लडकी ने कहा कि 2010 में मैं मोहम्मद बाबुलु शेख के साथ पश्चिम बंगाल गई थी जो जिला मालदा में सय्यदपुर का निवासी है। हम वहां दो साल से अधिक समय तक रहे। मैं 2013 में खुद ही राजस्थान लौट आई। यह एक झूठ है कि शंभूलाल रैगर मुझे वापस लाया, “महिला ने शुक्रवार को द इंडियन एक्सप्रेस को इस शर्त पर यह बताया कि वह उसका नाम न ले। महिला (20) अब अपनी मां और भाई के साथ रहती है।

उन्होंने कहा कि मालदा में कुछ समय रहने के बाद मैंने अपनी मां से संपर्क किया उस समय रैगर ने मुझे वापस लाने के लिए मेरी मां से 10,000 रू लिए थे। उसने मालदा में मुझसे मुलाकात की और वह चाहता था कि मैं उसके साथ आ जाऊं, लेकिन मैंने उनके साथ जाने से इनकार कर दिया। उसने मुझे बचाया नहीं। लडकी ने रैगर से कहा कि वह खुद वापस लौट जायेगी।

लड़की ने कहा कि यह बिल्कुल गलत है कि उसने मेरे जीवन में हुए घटना के कारण अफराज़ुल की हत्या की। राजसमंद में रैगर बांग्ला ठेकेदारों और मजदूरों को जानता था क्योंकि उनके संगमरमर के कारोबार की स्थापना से पहले उन्होंने एक मजदूर के रूप में काम किया था।