अहमदाबाद: जहां एक ओर देश का माहौल खराब करने की नाकाम कोशिश की जा रही है, वहीं रक्षाबंधन त्योहार के मौके पर अहमदाबाद में राष्ट्रीय एकता की अद्वितीय मिसाल देखने को मिली, जिसे देखने के बाद कहना पड़ेगा कि त्योहार की खुशियां जाति और धर्म की सीमा को नहीं देखती।
गुजरात के मोडासा जिले में रहने वाले मुस्लिम परिवार के सभी लोगों के हाथ में पिछले चालीस सालों से एक हिंदू बहन राखी बांधती हैं। इतना ही नहीं यह हिंदू बहन मुस्लिम भाई के साथ सभी खुशी और गम के अवसर पर खड़ी रहती हैं। इसी तरह मुस्लिम भाई हिंदू बहन के यहाँ छोटे से लेकर बड़े सभी अवसर पर शामिल होते हैं।
भाई और बहन के रिश्ते के लिए प्रसिद्ध रक्षाबंधन के मौके पर मुस्लिम भाई गुलाम आज़ाद का कहना है कि यह रिश्ता सिर्फ हम तक नहीं, बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ी तक जिंदा रहे, ऐसी अल्लाह से दुआ करते हैं। गुलाम आजाद के अनुसार हमारी तीन बहनें हैं, लेकिन हमने कभी यह नहीं कहा कि हमारी तीन बहनें हैं। हमने हमेशा कहा कि हमारी चार बहनें हैं।
वहीं पारोल बेन का कहना है कि हमारा रिश्ता धर्म के आधार पर नहीं बल्कि मानवता के आधार पर है। पारोल बेन कहती हैं कि हिंदू और मुसलमान यह तो हमने बनाया है, लेकिन इससे पहले हमें मानवता के धर्म को देखना चाहिए।